भाजपा की गलत नीतियों के कारण पेट्रोल और डीजल आज तक के उच्चतम स्तर पर – पुनिया

June 29, 2021

भाजपा की गलत नीतियों के कारण पेट्रोल और डीजल आज तक के उच्चतम स्तर पर – पुनिया

पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट दरें कांग्रेस शासन के समान कम करके महँगाई से पीड़ित जनता को तत्काल राहत प्रदान हो

रवि पथ न्यूज़ :

पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही लगातार वृद्धि की निंदा करते हुए कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया सचिव डॉ विनीत पुनिया ने कहा कि आसमान छूते टैक्सों और भाजपा की गलत नीतियों के कारण पेट्रोल और डीजल आज तक के उच्चतम स्तर पर हैं। केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों से हमारी मांग है की पेट्रोल-डीजल पर टैक्सों के नाम पर हो रही लूट बंद हो और पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट दरें कांग्रेस शासन के समान कम करके महँगाई से पीड़ित जनता को तत्काल राहत प्रदान की जाए।

डॉ पुनिया ने कहा कि पेट्रोल-डीजल वृद्धि के लिए केवल मोदी-खट्टर सरकार जिम्मेदार हैं, जिन्होंने पिछले छह सालों में पेट्रोल एवं डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 23.78 रुपए व 28.37 रुपए प्रति लीटर तथा वैट में पेट्रोल पर 5.24 रुपए व डीजल पर 6.38 रुपए प्रति लीटर बढ़ोतरी की है, जिससे पेट्रोल व डीजल के दाम प्रदेश में आज तक के शीर्ष स्तर पर पहुंच गए हैं, जिसका सीधा असर हरियाणा के किसान, आम जनता व ट्रांसपोर्टरों पर पड़ रहा है और महंगाई चरम पर पहुंच गई है। इस सरकार की नाकामियों से प्रदेश में उद्योग धंधे पहले ही चौपट हैं। हरियाणा प्रदेश की बेरोजगारी दर पूरे देश में सबसे अधिक है। फतेहाबाद (हरियाणा) में 29 जून को पेट्रोल की कीमत 97.25 रुपये और डीजल के दाम 90.43 रुपये पर पहुंच गई हैं। उन बढ़ोत्तरीयों को आज यदि ये दोनों सरकारें वापिस कर लें तो पेट्रोल-डीजल 29.02 रुपए व 34.75 रुपए प्रति लीटर सस्ता होकर 68.23 रुपए व 55.68 रुपए प्रति लीटर हो सकते हैं।

डॉ पुनिया ने कहा कि एक ओर अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम कम होते जा रहे हैं, वहीं भाजपा सरकार के दौरान पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, पेट्रोल व डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी से जहां किसान पिस रहा है, वहीं इससे महंगाई बढ़ेगी और आर्थिक रूप से परेशान जनता की जेब कटेगी, लेकिन मोदी व खट्टर सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

डॉ पुनिया ने बताया कि जब हरियाणा प्रदेश में कांग्रेस ने 2014 में सरकार छोड़ी, तो पेट्रोल पर वैट 21 प्रतिशत था जो अब भाजपा सरकार में बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया है। डीजल पर वैट 9.24 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 21.40 प्रतिशत हो गया है, जिससे खट्टर सरकार ने पिछले सात साल में पचास हज़ार करोड़ से ज्यादा वसूले हैं। मोदी सरकार जब मई 2014 में सत्ता में आई तो पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क केवल 9.20 रुपए प्रति लीटर और 3.46 रुपए प्रति लीटर पर था, जिसमें भाजपा सरकार द्वारा पेट्रोल पर 23.78 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 28.37 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गयी है, जो यूपीए की तुलना में क्रमशः 258 और 820 प्रतिशत ज्यादा है, जिससे मोदी सरकार ने पिछले सात साल में 22 लाख करोड़ से ज्यादा वसूले हैं।

डॉ पुनिया ने कहा कि 26 मई 2014 को जब भाजपा ने केंद्र में सत्ता संभाली थी, तब भारत की तेल कंपनियों को कच्चा तेल 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल मिल रहा था, जो तत्कालीन डॉलर-रुपया के अंतरराष्ट्रीय भाव के अनुसार 6,330 रुपए प्रति बैरल बनता है, जिसका अर्थ है तेल लगभग 40 रुपए प्रति लीटर के भाव पर पड़ रहा था, जबकि मई 2014 में दिल्ली में पेट्रोल, 71.51 रुपये प्रति लीटर और डीजल 57.28 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध था। 29 जून 2021 को कच्चे तेल का अंतर्राष्ट्रीय भाव 74.19 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था, जो डॉलर-रुपये भाव के अनुसार 5505.03 रुपए प्रति बैरल बनता है, यानि कुल लागत 35 रुपए प्रति लीटर से कम पड़ता है। यदि पेट्रोल-डीजल के दामों में इसी अनुपात में कमी की जाए, तो इनके दाम बहुत कम हो सकते हैं।

डॉ पुनिया ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत प्राथमिकताओं और जनविरोधी नीतियों का अंदाजा भी इस बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना महामारी के पिछले 13 माह में ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 29.22 रुपए और 26.89 रुपए की अभूतपूर्व बढ़ोतरी की गई है। पांच विधानसभाओं के चुनाव के बाद पिछले दो माह में ही पेट्रोल-डीजल में 34 बार बढ़ोतरी की गई है, जो केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा जनता से लूट का जीता-जागता उदाहरण है।

डॉ पुनिया ने मोदी व खट्टर सरकार से मांग की कि उनके द्वारा पेट्रोल-डीजल के उत्पाद शुल्क और वैट में की गई सभी बढ़ोत्तरियों को तत्काल वापस ले लिया जाए ताकि इस मुश्किल समय में सस्ते कच्चे तेल का फायदा देश के नागरिकों तक पहुंच पाए।