हरियाणा में हो रहा हर रोज एक नए भर्ती घोटाले का पर्दाफाश : रणदीप सुरजेवाला

October 25, 2021

हरियाणा में हो रहा हर रोज एक नए भर्ती घोटाले का पर्दाफाश : रणदीप सुरजेवाला

कहा – खट्टर सरकार में नौकरी, लूट का ‘लाइसेंस’ बन गई है और रक्षक ही भक्षक बन गया है

बोले – सभी भर्ती घोटालों की जांच हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट के दो सिटिंग जजेस की कमीशन से होनी चाहिए, क्योंकि हरियाणा सरकार कि किसी जांच एजेंसी पर प्रदेश के युवाओं को भरोसा नहीं है

चंडीगढ़, 25 अक्टूबर 2021 रवि पथ ;

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां जारी बयान में कहा है कि हरियाणा की महिला कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में 38 ओएमआर शीट खाली होने और एस.आई. (सब इंस्पेक्टर) भर्ती परीक्षा में 10 प्रश्नों के उत्तर गलत होने की स्वीकारोक्ति से स्पष्ट हो गया है कि हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन निष्पक्ष भर्ती करने में पूरी तरह अक्षम और नाकारा है और सत्ता में उच्च पदों पर बैठे लोग इन भर्ती घोटालों में सीधे रुप से शामिल और जिम्मेदार हैं। ऐसे में इस कमीशन को भंग करके नया कमीशन गठित होना चाहिए और सभी विवादित भर्ती परीक्षाएं दोबारा आयोजित की जाएं ताकि हरियाणा के शिक्षित बेरोजगारों को को न्याय मिल सके।

लगातार हो रहे भर्ती घोटालों और पेपर लीक मामलों के लिए वर्तमान भाजपा-जजपा सरकार को सीधे रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए सुरजेवाला ने कहा कि जब से ये सरकार आई है, तब से हर भर्ती में एक नए घोटाले का पर्दाफाश हो रहा है और आज यह खुलासा भी हुआ है कि पिछले दो साल में हरियाणा के 1587 युवाओं ने नौकरी के झांसे में 32.62 करोड़ रुपए की ठगी होने की एफआईआर दर्ज करवाई। ठगी करने के मामलों में अधिकतर युवाओं से सरकार में ऊँचे राजनैतिक और सरकारी पदों पर बैठे लोगों के नाम पर पैसे वसूले गए। हमारा मानना है कि शिकायतों का यह आंकड़ा केवल असली ठगी और पैसों के बदले दी गई नौकरियों के मुकाबले में एक छोटा सा हिस्सा है। यदि 1587 युवाओं ने पुलिस में जाकर शिकायत करने की हिम्मत दिखाई तो असली आंकड़ा 1 लाख से ज्यादा होगा। पेपर लीक के मामलों में तो हजारों करोड़ रुपए की लूट अलग से होगी, पर इसके बावजूद न तो कोई दोषी है, न किसी को सजा हो रही क्योंकि खट्टर सरकार में नौकरी लूट का लाइसेंस बन गई है और रक्षक ही भक्षक बन गया है।

सुरजेवाला ने कहा कि अब जब सरकार और सरकार द्वारा गठित स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने स्वयं माना है कि महिला कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में गडबड़झाला हुआ और 38 ओमएमआर शीट खाली मिली हैं। हमारा सीधा प्रश्न है कि 38 ओएमआर शीट तो अभी भी खाली हैं, क्या किसी ने बाकी खाली सैंकड़ों या हजारों ओएमआर शीटों को भरकर अपनी-अपनी भर्तियाँ सुनिश्चित तो नहीं कर ली? 38 ओएमआर शीट का खाली होना एक बड़े घोटाले की तरफ़ इशारा करता है, जिसकी जांच के लिए हरियाणा विजिलेंस या सरकार की किसी जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। सभी भर्ती घोटालों की जांच हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट के दो सिटिंग जजेस की कमीशन से होनी चाहिए, क्योंकि हरियाणा सरकार कि किसी जांच एजेंसी पर प्रदेश के युवाओं को भरोसा नहीं है।

सुरजेवाला ने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य स्पष्ट इशारा कर रहे हैं कि एस.आई. परीक्षा में भी पेपर लीक और बड़ा घोटाला हुआ, लेकिन सरकार ने मामले की जांच करवाने की बजाय पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की है। अब तो हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने अपने आप को क्लीनचिट भी दे दी है और एस.आई. भर्ती पर आरोपों को निराधार बताते हुए दोबारा परीक्षा करवाने से स्पष्ट इंकार कर दिया है। इस सारे मामले से स्पष्ट है कि कमीशन इस पूरे मामले में स्वयं संलिप्त है और इस घोटाले में शामिल किसी बड़े गुनहगार को बचाने की कोशिश कर रहा है।

सुरजेवाला ने कहा कि हमें नहीं भूलना चाहिए कि एस.आई. परीक्षा में भी परीक्षार्थियों की संख्या से भी कई गुना अधिक ओएमआर शीट परीक्षा सेंटरों में मौजूद पाई गईं थीं, जबकि किसी भी परीक्षा में परीक्षार्थियों द्वारा भरी जाने वाली ओएमआर शीट परीक्षार्थियों की संख्या के मुताबिक गिनकर दी जाती हैं, ताकि सेंटर में कोई परीक्षार्थी मिलीभगत करके नई ओएमआर शीट न बदलवा सके। उस पूरे मामले पर भी पर्दा डाल दिया गया और हमारी मांग के 23 दिन बाद भी सरकार ने इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया, न हीं वो परीक्षा रद्द की। अब 38 खाली ओएमआर शीट का मिलना सभी भर्तियों में बड़े घोटाले और बहुत प्रभावशाली व्यक्ति की शह पर किसी बड़े गिरोह की संलिप्तता के संकेत दे रहा है, इसलिए इन सभी मामलों की निष्पक्ष जांच तभी संभव है जब स्टाफ सिलेक्शन कमीशन को भंग करके सारे भर्ती घोटालों की जांच हाई कोर्ट की देखरेख में हो।