निंदाना के शहीद किसान दीपक के परिवार को महम विधायक बलराज कुंडू ने दी 2 लाख की आर्थिक सहायता

February 18, 2021

निंदाना के शहीद किसान दीपक के परिवार को महम विधायक बलराज कुंडू ने दी 2 लाख की आर्थिक सहायता

शहीद किसान की धर्मपत्नी को लड़कियों के लिए चलाई जा रही अपनी फ्री बस सेवा में देंगे नौकरी

 कुंडू बोले : शहीद किसान के दोनों बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का सारा खर्चा मैं उठाऊंगा

 शहीद किसानों के परिवारों को 50-50 लाख आर्थिक सहायता और स्थाई नौकरी दे सरकार – कुंडू

महम / रोहतक, 18 फरवरी   रवि पथ :

निंदाना गाँव वासी शहीद किसान दीपक की शोकसभा में पहुंचे विधायक बलराज कुंडू ने परिवार के प्रति अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए अपनी घोषणा अनुसार आज आश्रित परिवार को 2 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की। साथ ही शहीद किसान की धर्मपत्नी बबली देवी को लड़कियों के लिए चलाई जा रही अपनी फ्री बस सेवा में नौकरी देने तथा उनके दोनों बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का सारा खर्चा भी खुद उठाने की घोषणा बलराज कुंडू ने की।
उन्होंने कहा कि महज 1 एकड़ जमीन पर खेती कर परिवार चलाने वाले हमारे किसान भाई दीपक की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। सुनहरे अक्षरों में उनका नाम लिखा जाएगा, जिससे हमारी आने वाली पीढियां भी प्रेरणा लेंगी।
बलराज कुंडू ने कहा कि संकट की घड़ी में वे पूरी शिद्दत और मजबूती से अपने किसान परिवारों के साथ खड़े हैं और उनको कभी भी परेशानियों का सामना नहीं करने देंगे। दीपक के जज्बे को नमन करते हुए बलराज कुंडू ने कहा कि किसान आंदोलन में दीपक भाई के सर्वोच्च बलिदान को इतिहास में हमेशा सम्मान और श्रद्धा के साथ याद रखा जाएगा।


बलराज कुंड ने कहा कि करीब 3 महीने हो चुके हैं विभिन्न प्रान्तों से आकर हजारों किसान दिल्ली में बैठी सरकार को अपना दुःख-दर्द सुनाने के लिये दिल्ली के चारों तरफ बॉर्डर पर बैठे हैं। दुर्भाग्य की बात है कि सैंकड़ों किसानों की शहादत हो चुकी है लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। सरकार को किसानों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए संयुक्त किसान मोर्चे की मांगें माननी चाहिए क्योंकि जब तक अन्नदाताओं की मांगें नहीं मानी जाएंगी किसान घर वापसी नहीं करेंगे। कुंडू ने शहीद किसान परिवारों के लिए अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा कि आन्दोलन में शहीद होने वाले किसान भाइयों के परिवारों को सरकार कम से कम पचास-पचास लाख की आर्थिक मदद एवं आश्रित परिवार के सदस्य को योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी दे ताकि इन परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा ना हो क्योंकि शहादत को प्राप्त हुए तकरीबन किसान छोटी जोत के किसान हैं। अगर आश्रितों को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता मिल जाएगी तो शहीद किसानों के परिवारों को सहारा मिल जाएगा।