बच्चों के लिये खतरनाक की कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी को गंभीरता से ले सरकार – दीपेंद्र हुड्डा
बाल रोग विभाग की आवश्यकताओं का आकलन करके संसाधनों की अभी से आपूर्ति सुनिश्चित करे
मुख्यमंत्री सर्वदलीय बैठक बुलाएं और उसमें चिकित्सा अधिकारियों को भी शामिल करें
ऐसा न हो कि दूसरी लहर की तरह तैयारियों के अभाव में पूरा स्वास्थ्य तंत्र बेबस और लोग जान गंवाने को मजबूर हो जाएं
टीकाकरण की सुस्त रफ्तार को बढ़ाने के लिये गांव-गांव में विशेष कैंप लगाकर तेज गति से टीकाकरण कराया जाए
चंडीगढ़, 29 मई रवि पथ :
राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार को चेताते हुए कहा कि उसे वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी, जिसे बच्चों के लिये खतरनाक बताया गया है, को गंभीरता से लेकर वृहद् मास्टर प्लान तैयार करना चाहिए। ऐसा न हो कि दूसरी लहर की तरह ही तैयारियों के अभाव में पूरा स्वास्थ्य तंत्र बेबस दिखायी दे और लोग जान गंवाने को मजबूर हो जाएं। उन्होंने आग्रह किया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री सर्वदलीय बैठक बुलाएं और उसमें चिकित्सा अधिकारियों के साथ ही प्रमुख बाल रोग विशेषज्ञों को भी शामिल करें तथा बाल रोग विभाग की आवश्यकताओं का आकलन करके अभी से संसाधनों की आपूर्ति एवं दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण की सुस्त रफ्तार को बढ़ाने के लिये गांव-गांव में विशेष कैंप लगाकर तेज गति से व्यापक टीकाकरण कराया जाए ताकि, लोगों की जान बच सके।
उन्होंने अपने सुझाव देते हुए कहा कि सरकार को शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के बाल रोग विशेषज्ञों एवं अस्पतालों की सूची बनाकर उनके पास उपलब्ध सुविधाओं का आकलन और मांग के अनुसार संसाधनों की आपूर्ति करनी चाहिए। इसके अलावा सभी कार्यरत अस्पतालों में पीडियाट्रिक बेड, पीडियाट्रिक आईसीयू व नियोनेटल आईसीयू की सुविधाओं को बढ़ाया जाना चाहिए। अस्पतालों में सेंट्रल लाईन ऑक्सीजन की सुविधाओं के साथ ऑक्सीजन सिलेंडरों की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए ताकि ऑक्सीजन किल्लत का सामना न करना पड़े। इसके अलावा इलाज के लिये जरुरी जीवन रक्षक दवाईयों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि कालाबाजारी, किल्लत जैसी परिस्थिति दोबारा पैदा न हो।
सांसद दीपेंद्र ने कहा कि जिस प्रकार कोरोना की दूसरी लहर में भयावह स्थिति पैदा हुई और प्रदेश में हॉस्पिटल बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, दवाईयों की घोर कमी और व्यापक कालाबाजारी के कारण हजारों नागरिकों को जान गंवानी पड़ी उससे लोगों का सरकारी सिस्टम से विश्वास उठ गया। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बार-बार आगाह करने के बावजूद सरकार जमीनी सच्चाई से नजर चुराती रही और आंकड़ों की हेरा-फेरी में लगी रही।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में अस्थायी अस्पतालों का निर्माण, कोविड उपचार के प्रोटोकॉल एवं वेंटिलेटर उपयोग के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि यदि कोरोना की तीसरी लहर आयी तो हरियाणा के आमजन का जीवन मुश्किल में न पड़े इसके लिये सरकार को दूसरी लहर से सबक लेकर अभी से सतर्क होने की जरुरत है। इसमें चिकित्सकों खास तौर से बाल रोग विशेषज्ञों की की भूमिका अहम होगी।