टीबी के जड़ से खत्म के लक्ष्य पर गंभीरता से काम करें अधिकारी : उपायुक्त

March 17, 2021

टीबी के जड़ से खत्म के लक्ष्य पर गंभीरता से काम करें अधिकारी : उपायुक्त

हिसार, 16 मार्च   रवि पथ :

उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि विश्व में भारत की आबादी लगभग 17 प्रतिशत है, लेकिन यहां टीबी के मरीज दुनिया के कुल मरीजों के लगभग 27 प्रतिशत हैं। टीबी से 33 प्रतिशत मौतें भारत में होती हैं। अकेले 2016-17 में टीबी से 4 लाख 80 हजार मौत दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा कि टीबी की गंभीरता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक इस बीमारी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में वर्ष 2025 तक इस बीमारी को समाप्त करने का संकल्प लिया है। इस सकंल्प को पूरा करने के लिए सभी अधिकारी मेहनत व तत्परता से कार्य करें। उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी आज लघु सचिवालय के जिला सभागार में जिला टीबी फोर्म की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि हरियाणा में स्वास्थ्य क्षेत्र की आधारभूत संरचना ऐसी है, जिससे वर्ष 2022 तक ही टीबी के मामलों को सीमित किया जा सकता है। जिले में वर्ष 2022 तक ऐसे मामलों में कमी लाने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त श्रम विभाग, इएसआई अस्पताल, एलडीएम, एनजीओ, ड्रग एवं कैमिस्ट, शिक्षा विभाग व अन्य विभागों की जिम्मेवारियां भी तय की। उपायुक्त ने इन सभी विभागों के अधिकारियों को लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में गंभीर प्रयास करने के निर्देश दिए।


उन्होंने कहा कि टीबी के समूल उन्मूलन के लिए जन जागरूकता कार्यक्रमों का भी अधिक से अधिक आयोजन किया जाए। उपायुक्त ने कहा कि सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के माध्यम से टीबी की दवा मुफ्त दी जाती है और मरीजों को नियमित रूप से घर तक दवा पहुंचाकर इसका कोर्स पूरा करवाया जा रहा है। वर्तमान में टीबी का बेहद सफल ईलाज उपलब्ध है, जिसके माध्यम से टीबी संक्रमित 6 माह की अवधि में ही बिल्कुल ठीक हो जाता है।
इस अवसर पर सीएमओ डॉ. रत्ना भारती ने बताया कि यदि लगातार 14 दिन तक खांसी ठीक न हो तो उसकी जांच निकटवर्ती सरकारी अस्पताल में करवानी चाहिए। सरकार द्वारा टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। मरीज का पूरा इलाज मुफ्त तो किया जाता ही है, साथ ही उसके बैंक खाते में पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह सरकार द्वारा भिजवाए जाते हैं। इतना ही नहीं, टीबी मरीज के संबंध में स्वास्थ्य विभाग को प्रथम सूचना देने वाले किसी भी व्यक्ति, निजी अस्पताल तथा केमिस्ट  को भी 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि सभी मरीजों का समुचित उपचार करने के लिए प्रत्येक मरीज को चिह्निïत करना जरूरी है।
बैठक के दौरान अपनी इच्छाशक्ति के चलते इस बीमारी पर विजय प्राप्त करने वाले टीबी चैंपियनस ने भी अपने अनुभवों को सांझा किया। मजबूत इच्छा शक्ति का प्रदर्शन कर टीबी का उन्मूलन करने में अपना सहयोग देने वाले इन चैंपियनस को उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने पुरस्कार  देकर सम्मानित भी किया।
बैठक में डिप्टी सीएमओ डॉ. जया गोयल, डॉ. सुभाष खतरेजा, डॉ. कुलदीप, आईएमए अध्यक्ष जेपीएस नलवा, डॉ. अजय महाजन, डॉ. एमडी छाबड़ा सहित अन्य विभागों के अधिकारी व संस्थाओं के पदाधिकारी भी मौजूद थे।