भाजपा सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों व उनके आश्रितों की पेंशन बंद करना बेहद निदंनीय, सैनिकों की पेंशन से पहले मंत्री, एमएलए की पेंशन और भत्ते बन्द करे सरकार : घणघस
उकलाना 14 जुलाई रवि पथ :
पूर्व सैनिक एवम इनेलो शहरी प्रधान उकलाना नरेंद्र फौजी ने हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों व उनके आश्रितों की पेंशन बंद करने पर कहा कि यह बेहद निदंनीय है। कोरोना महामारी केे कारण पहलेे ही लोग आर्थिक सकंट से जूझ रहे हैं जिससे जीवन यापन करना बेहद मुश्किल हो गया है।
इनेलो नेता एवं पूर्व सैनिक नरेन्द्र घणघस ने कहा कि सरकार द्वारा 1966 में स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति का गठन किया गया था ताकि स्वतंत्रता सेनानियों व उनके आश्रितों को आर्थिक मदद दी जा सके, लेकिन सरकार द्वारा मई के महीने में इस समिति के चेयरमैन को हटा दिया गया और तब से लेकर आज तक स्वतंत्रता सेनानियों को जो पेंशन मिलती थी वह नहीं मिली है। स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन सरकार से पेंशन व आर्थिक मदद के लिए पिछले करीब तीन महीनों से गुहार लगा रहे हैं परन्तु हमारे प्रदेश का दुर्भाग्य है कि जिन्होने हमें आजादी दिलवाई आज वो अपने हक की पेंशन के लिए दर दर भटक रहे हैं।
उन्होने कहा कि जहां हमने अपने मैनिफेस्टो में गरीब कन्या के विवाह में कन्यादान के रूप में 51000 रूपए देने की घोषणा कर रखी है वहीं बड़े दुख की बात है कि ‘‘बेटी बचाओ -बेटी पढाओ’’ का नारा देने वाली भाजपा सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों की दूसरी पीढ़ी की लड़कियों को उनकी शादी के लिए जो कन्यादान राशि दी जाती थी वो भीे पिछले छह महीने से बंद कर रखी है।
दूसरे प्रदेशों में स्वतंत्रता सेनानियों के लिए नौकरियों में भी 2 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है परन्तु हमारे प्रदेश में उनको आरक्षण देनें का कोई प्रावधान नहीं है जो कि दिया जाना चाहिए। पूर्व सैनिक नरेंद्र घणघस ने कहा कि सरकार को पूर्व और मौजूदा एमएलए और मंत्रियों की पेंशन तथा भत्ते बंद करने चाहिए ना कि देश की रक्षा करने वाले और देश पर शहादत देने वाले सैनिकों की पेंशन। पूर्व सैनिक नरेंद्र ने कहा कि सरकार मंत्री और एमएलए के लगातार भत्ते और पेंशन में बढ़ोतरी कर रही है वहीं सैनिकों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।