मशरूम उत्पादन तकनीक विषय पर ऑनलाइन व्यावसायिक प्रशिक्षण का समापन

September 27, 2021

मशरूम उत्पादन तकनीक विषय पर ऑनलाइन व्यावसायिक प्रशिक्षण का समापन

हरियाणा सहित पंजाब, बिहार, उतराखंड, एमपी, राजस्थान व पंजाब से शामिल हुए प्रतिभागी

हिसार : 27 सितंबर रवि पथ :

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविधालय हिसार के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित ऑनलाइन व्यावसायिक प्रशिक्षण संपन्न हो गया। प्रशिक्षण में हरियाणा के अलावा उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब से 41 प्रशिक्षणार्थियों ने हिस्सा लिया। यह जानकारी देते हुए संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया की संस्थान की ओर से अक्टूबर माह में प्रशिक्षणार्थियों की मांग के अनुसार ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे। हरियाणा के दूर-दराज के जिलों व अन्य राज्यों के प्रतिभागी ऑनलाइन प्रशिक्षण चाहते हैं और हिसार के आसपास के इलाके से ऑफलाइन प्रशिक्षण चाहते हैं। इसलिए यह संस्थान ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण आयोजित करवा रहा है। उन्होंने बताया कि खुम्ब एक संतुलित आहार है जिसमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज, लवण, अमीनो एसिड इत्यादि प्रचुर मात्र में पाये जाते हैं। खुम्बों मे कई तरह के औषधीय गुण भी मौजूद होते है जो शरीर में होने वाले कई रोगों जैसे ज्यादा रक्तचाप, शुगर, कैंसर, दिल के रोगों इत्यादि से शरीर की रक्षा करने में सहायक होते हैं।
खुंब उत्पादन में हरियाणा अग्रणी राज्यों में शामिल
प्रशिक्षण के आयोजक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि हरियाणा प्रदेश खुम्ब उत्पादन मे अग्रणी प्रदेशों में शामिल है। हरियाणा मे प्रतिवर्ष लगभग 20000 टन सफ़ेद बटन खुम्ब का उत्पादन होता है और लगभग 50 प्रतिशत उत्पादन छोटे किसान सर्दी के मौसम मे कच्चे शैड/छप्पर बनाकर मौसमी उत्पादन करते हैं। किसानों और बेरोजगार युवकों व युवतियों को समय पर जानकारी मिलने के बाद इसे रोजगार के रूप मे अपना सकते हैं। सफ़ेद बटन खुम्ब की खाद लगभग 28-30 दिन मे तैयार होती है और एक शरद ऋतु में दो बार खुम्ब का उत्पादन किया जा सकता है। एमएचयू, करनाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुरेन्द्र ने खुम्ब से मूल्य संवर्धित उत्पादों जैसे खुम्ब का आचार, बिस्कुट, मुरब्बा, पापड़, वडिय़ां, चटनी इत्यादि को तैयार करने कि विधि पर प्रकाश डाला। डॉ. राकेश चुघ ने ढींगरी खुंबी और कीड़ा जड़ी खुंबी को उगाने कि विधि बताई। डॉ. संदीप भाकर ने खुम्ब उत्पादन व्यवसाय शुरू करने के लिए हरियाणा सरकार कि विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। डॉ. निर्मल कुमार ने सफ़ेद बटन खुम्ब उगाने संबंधी विस्तृत जानकारी दी। डॉ. डी. के. शर्मा ने मशरूम फार्म स्थापित करने को लेकर मशीनों जैसे टर्नर, खाद और स्पान मिला कर बैग भरने की मशीन, वातानुकूलित कमरों में प्रयोग होने वाली मशीनों आदि के बारे मे विस्तार से चर्चा की। डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने खुम्ब में नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े जैसे सियारिड मक्खी, फोरिड मक्खी इत्यादि के प्रबंधन के बारे में बताया। डॉ. मनमोहन ने खुम्ब में आने वाले रोगों को लेकर चर्चा की। डॉ. जगदीप ने केसिंग मिश्रण तैयार करने कि विधि, इसका निर्जीवीकर्ण इत्यादि विधियों पर प्रकाश डाला। प्रगतिशील किसान विकास ने ढींगरी खुंब उगाने को लेकर अपने अनुभव प्रशिक्षणार्थियों के साथ सांझा किए।
फोटो कैप्शन : प्रशिक्षण के दौरान शामिल वैज्ञानिक एवं प्रतिभागी। सायना नेहवाल संस्थान का फाइल फोटो।मशरूम उत्पादन तकनीक विषय पर ऑनलाइन व्यावसायिक प्रशिक्षण का समापन
हरियाणा सहित पंजाब, बिहार, उतराखंड, एमपी, राजस्थान व पंजाब से शामिल हुए प्रतिभागी
हिसार : 27 सितंबर
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविधालय हिसार के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित ऑनलाइन व्यावसायिक प्रशिक्षण संपन्न हो गया। प्रशिक्षण में हरियाणा के अलावा उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब से 41 प्रशिक्षणार्थियों ने हिस्सा लिया। यह जानकारी देते हुए संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया की संस्थान की ओर से अक्टूबर माह में प्रशिक्षणार्थियों की मांग के अनुसार ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे। हरियाणा के दूर-दराज के जिलों व अन्य राज्यों के प्रतिभागी ऑनलाइन प्रशिक्षण चाहते हैं और हिसार के आसपास के इलाके से ऑफलाइन प्रशिक्षण चाहते हैं। इसलिए यह संस्थान ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण आयोजित करवा रहा है। उन्होंने बताया कि खुम्ब एक संतुलित आहार है जिसमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज, लवण, अमीनो एसिड इत्यादि प्रचुर मात्र में पाये जाते हैं। खुम्बों मे कई तरह के औषधीय गुण भी मौजूद होते है जो शरीर में होने वाले कई रोगों जैसे ज्यादा रक्तचाप, शुगर, कैंसर, दिल के रोगों इत्यादि से शरीर की रक्षा करने में सहायक होते हैं।
खुंब उत्पादन में हरियाणा अग्रणी राज्यों में शामिल
प्रशिक्षण के आयोजक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि हरियाणा प्रदेश खुम्ब उत्पादन मे अग्रणी प्रदेशों में शामिल है। हरियाणा मे प्रतिवर्ष लगभग 20000 टन सफ़ेद बटन खुम्ब का उत्पादन होता है और लगभग 50 प्रतिशत उत्पादन छोटे किसान सर्दी के मौसम मे कच्चे शैड/छप्पर बनाकर मौसमी उत्पादन करते हैं। किसानों और बेरोजगार युवकों व युवतियों को समय पर जानकारी मिलने के बाद इसे रोजगार के रूप मे अपना सकते हैं। सफ़ेद बटन खुम्ब की खाद लगभग 28-30 दिन मे तैयार होती है और एक शरद ऋतु में दो बार खुम्ब का उत्पादन किया जा सकता है। एमएचयू, करनाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुरेन्द्र ने खुम्ब से मूल्य संवर्धित उत्पादों जैसे खुम्ब का आचार, बिस्कुट, मुरब्बा, पापड़, वडिय़ां, चटनी इत्यादि को तैयार करने कि विधि पर प्रकाश डाला। डॉ. राकेश चुघ ने ढींगरी खुंबी और कीड़ा जड़ी खुंबी को उगाने कि विधि बताई। डॉ. संदीप भाकर ने खुम्ब उत्पादन व्यवसाय शुरू करने के लिए हरियाणा सरकार कि विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। डॉ. निर्मल कुमार ने सफ़ेद बटन खुम्ब उगाने संबंधी विस्तृत जानकारी दी। डॉ. डी. के. शर्मा ने मशरूम फार्म स्थापित करने को लेकर मशीनों जैसे टर्नर, खाद और स्पान मिला कर बैग भरने की मशीन, वातानुकूलित कमरों में प्रयोग होने वाली मशीनों आदि के बारे मे विस्तार से चर्चा की। डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने खुम्ब में नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े जैसे सियारिड मक्खी, फोरिड मक्खी इत्यादि के प्रबंधन के बारे में बताया। डॉ. मनमोहन ने खुम्ब में आने वाले रोगों को लेकर चर्चा की। डॉ. जगदीप ने केसिंग मिश्रण तैयार करने कि विधि, इसका निर्जीवीकर्ण इत्यादि विधियों पर प्रकाश डाला। प्रगतिशील किसान विकास ने ढींगरी खुंब उगाने को लेकर अपने अनुभव प्रशिक्षणार्थियों के साथ सांझा किए।