बाल मजदूर मिलने पर प्रतिष्ठान संचालकों पर होगी कड़ी कार्रवाई : उपायुक्त

September 22, 2023

बाल मजदूर मिलने पर प्रतिष्ठान संचालकों पर होगी कड़ी कार्रवाई : उपायुक्त

हिसार, 22 सितंबर रवि पथ :

उपायुक्त उत्तम सिंह ने ऐसे प्रतिष्ठान संचालकों के विरूद्घ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं जो अपने यहां बाल मजदूरी करवाते हैं।
शुक्रवार को आयोजित एक बैठक में अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में बच्चों को कानूनी अधिकार मिले हुए हैं। यह कानूनी अधिकार बाल श्रम को भी प्रतिबंधित करते हैं। 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से कारखानों, संस्थानों या अन्य प्रतिबंधित कार्य करवाना कानूनी अपराध है, जिसके तहत दोषियों के लिए सजा का प्रावधान भी किया गया है।
6 वर्ष से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है, इसलिए हमें इस दिशा में आगे जाकर बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे ऐसे बच्चे जो बाल श्रम के दलदल में फंसे हुए हैं, किसी व्यक्ति को ऐसी जानकारी मिलने पर तुरंत जिला प्रशासन को सूचित करें। आपकी थोड़ी सी सतर्कता ऐसे बच्चों के बिगड़ते भविष्य को सुधार कर इनके भविष्य में उजाला ला सकती है। ऑटो मार्केट, राजगुरु मार्केट, पीएलए मार्केट आदि सार्वजनिक स्थानों पर बाल मजदूरी रोकने संबंधी जागरूकता बैनर लगाए जाएं। उपायुक्त ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि वे नशे व नशे से संंबंधित किसी प्रकार के उद्योंगों में बच्चे शामिल न हों, इसके लिए जागरूकता कैंप आयोजित किए जाएं।
पुलिस विभाग को निर्देश देते हुए उपायुक्त ने बताया कि ऐसे क्षेत्र की पहचान करें जहां पर बच्चों से मजदूरी करवाई जाती हैं। बाल मजदूरी पर अंकुश लगाने के लिए एक नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति की जाए। इस संबंध में जिस कमेटी का गठन किया हुआ है, यह कमेटी सप्ताह में एक बार रेड जरूर करें। जेजे एक्ट के तहत दोषियों के विरूद्घ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाए।
उपायुक्त ने अभिभावकों से भी आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को बाल श्रम के दलदल में न धकेलें बल्कि उन्हें भी पढ़ने-लिखने के अवसर प्रदान करते हुए उन्हें देश का अच्छा नागरिक बनाएं। उन्होंने कहा कि बाल श्रम मानव अधिकार का खुला उल्लंघन है। यह बच्चों के मानसिक, शारीरिक, आत्मिक, सामाजिक तथा बौद्धिक हितों को प्रभावित करता है। बाल श्रम निषेध एवं नियंत्रण अधिनियम-1986 के तहत बाल मजदूरी करवाना एक कानूनी अपराध भी है।
इस अवसर पर पुलिस विभाग से आईपीएस सुरेंद्र सिंह, एसडीएम जयवीर यादव, जिला शिक्षा अधिकारी कुलदीप सिहाग सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

 

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