जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी 1950 में जहां 50 प्रतिशत थी अब घटकर -5.7 प्रतिशत रह गई: अभय चौटाला

March 14, 2021

जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी 1950 में जहां 50 प्रतिशत थी अब घटकर -5.7 प्रतिशत रह गई: अभय चौटाला

इनेलो के शासनकाल में प्रदेश का रेवेन्यू बढ़ा था जो आज तक का रिकार्ड है: अभय चौटाला

इनेलो सरकार दो हजार करोड़ रुपए का सरप्लस छोडक़र गई थी: अभय

डीसी रेट का नाम ‘दुष्यंत कान्ट्रेक्ट रेट’ है: अभय चौटाला

हरियाणा प्रदेश बेरोजगारी में पूरे देश में नम्बर एक पर है: अभय

भाजपा-जजपा चिट्टा कारोबारियों को संरक्षण देने का काम कर रही है: अभय चौटाला

चंडीगढ़, 14 मार्च  रवि पथ :

इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने रविवार को चंडीगढ़ पार्टी मुख्यालय में सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत किए गए वर्ष 2021-22 के बजट पर पे्रसवार्ता कर कहा कि यह बजट प्रदेश की जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला बजट है। इनेलो नेता ने कहा कि कृषि, बिजली, ट्रांसपोर्ट, पब्लिक हेल्थ, ग्रामीण विकास, शिक्षा एवं स्वास्थ्य ऐसे विभाग हैं जो सीधे जनता से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि बजट में कृषि का हिस्सा जो वर्ष 2016-17 में 13.71, वर्ष 2017-18 में 12.49, 2018-19 में 12.22, 2019-20 10.31, 2020-21 में 12.42 था, अब घटाकर 10.33 प्रतिशत कर दिया। प्रदेश की जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी 1950 में जहां 50 प्रतिशत थी अब घटकर -5.7 प्रतिशत रह गई है। बिजली पर सब्सिडी जो 2016-17 में 10.76, वर्ष 2017-18 में 6.31, 2018-19 में 5.87 और 2019-20 में घटकर 4.63 प्रतिशत रह गई थी, अब बिल्कुल खत्म कर दी गई है। ट्रांसपोर्ट में बजट का 2016-17 में 6.28, 2017-18 में 6.23, 2018-19 में 4.73 और 2019-20 में घटकर 4.12, 2020-21 में 3.84 था, अब घटाकर 3.32 प्रतिशत कर दिया गया है। पब्लिक हेल्थ में 2016-17 में 3.16, 2017-18 में 3.31, 2018-19 में 3.20, 2019-20 में 2.71, 2020-21 में 2.51 था, अब घटाकर 2.18 प्रतिशत कर दिया है। बजट में राशि घटाने से प्रदेश में जनस्वास्थ्य की सेवाएं आम नागरिकों को नहीं मिल पाएंगी।
ग्रामीण विकास के लिए 2016-17 में 2.94, 2017-18 में 4.85, 2018-19 में 3.76, 2019-20 में 3.83, 2020-21 में 4.45 था, अब घटाकर 3.82 प्रतिशत कर दिया है। पिछले साल ग्रामीण विकास के लिए 6294 करोड़ की राशि आवंटित की गई थी लेकिन इस वर्ष यह राशि घटाकर 5599 करोड़ रुपए कर दी गई है। इसी तरह इस मद के तहत पूंजीगत खर्चे की राशि पिछले साल 329 करोड़ रुपए थी, इसे इस वर्ष घटाकर 152 करोड़ रुपए कर दिया गया है। ग्रामीण विकास में बजट की राशि को घटाने से ग्रामीण विकास रुक जाएंगे।
शिक्षा के क्षेत्र में 2016-17 में 13.34, 2017-18 में 14.24, 2018-19 में 12.96, 2019-20 में 11.61, 2020-21 में 14.17 था, अब घटाकर 12.14 प्रतिशत कर दिया गया है। प्रदेश में 44 हजार पद शिक्षकों के खाली पड़े हैं। बजट घटने के कारण न तो शिक्षक भर्ती हो पाएंगे और न ही शिक्षा का स्तर बढ़ पाएगा। वहीं स्वास्थ्य के लिए जो हिस्सा 2016-17 में 3.98, वर्ष 2017-18 में 3.75, 2018-19 में 4.14, 2019-20 में 3.80, 2020-21 में 4.57 था, अब मामूली बढ़ाकर 4.70 प्रतिशत किया है। प्रदेश में आज 750 डॉक्टरों की कमी है लेकिन पिछले छह सालों में इन डॉक्टरों की भर्ती तक नहीं हो पाई है जिसके कारण आम नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाई।
इनेलो नेता ने कहा कि 2000 से लेकर 2005 तक जब इनेलो सरकार थी तब 1966 से लेकर 2005 तक कुल 23319 करोड़ रुपए का कर्जा था। उस समय सरकार ने दस हजार करोड़ रुपए कर्जा लिया था जिसमें से 7300 करोड़ रुपए वापिस कर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि इनेलो पार्टी के शासनकाल के समय प्रदेश का रेवेन्यू बढ़ा था और आज तक का रिकार्ड है कि जो विकास हमारे समय में हुआ वो आज तक हरियाणा प्रदेश के इतिहास में कभी नहीं हुआ। हमारी सरकार दो हजार करोड़ रुपए का सरप्लस छोडक़र गई थी।


वर्ष 2014-15 में कांग्रेस जब सत्ता से गई तब प्रदेश पर लगभग 70 हजार करोड़ रुपए कर्ज था। आज वर्तमान की भाजपा गठबंधन सरकार पर लगभग दो लाख 43 हजार करोड़ रुपए का कर्जा है। इस वर्ष कर्ज की देनदारी 48537 करोड़ रखी गई है जो कुल राशि का 30.80 प्रतिशत बनता है। भाजपा सरकार ने स्वयं स्वीकार किया है कि पिछले साल कोई भी विकास का कार्य नहीं हुआ तो लिए गए कर्ज की राशि कहां गई? साफ है कि सारा पैसा सरकार में बैठे लोगों द्वारा डकार लिया गया। हालात ये हैं कि आज प्रदेश में जन्म लेने वाला हर बच्चा एक लाख रुपए का कर्जा सिर पर लेकर पैदा होता है। 2008 के बाद प्रदेश में डेफिसेट बढ़ता आ रहा है। हैरानी की बात ये है कि पर केपिटा इनकम जो 2020-21 में एक लाख 72 हजार रुपए थी अब घटकर एक लाख 63 हजार रुपए रह गई है।
इनेलो नेता ने कहा कि हरियाणा एक ऐसा राज्य है जो एनसीआर में आता है और छोटा प्रदेश होते हुए भी जहां सबसे अधिक उद्योग हैं, बेरोजगारी में पूरे देश में नम्बर एक पर है। भाजपा की सहयोगी पार्टी जो 75 प्रतिशत रोजगार और 11 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता का नारा देकर सत्ता में आई है, आज पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगार युवक हमारे प्रदेश में हैं और बेरोजगारी भत्ते के नाम पर नौजवानों को एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी जा रही।
इनेलो नेता ने कहा कि सरकार द्वारा डीसी रेट जो नौकरियां दी जाती हैं आज उसका नाम ‘दुष्यंत कान्ट्रेक्ट रेट’ हो गया है। आज हालात ये हैं कि डीसी रेट पर नौकरी पाने के लिए एक महीने की तनख्वाह बतौर रिश्वत ली जाती है। जो लोग बच्चों का भविष्य सुधारने की बात कहते थे आज उनको भी लूट लिया है।
रजिस्ट्री और शराब घोटाले पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विधानसभा में कांग्रेस ने इस पर चर्चा तक नहीं की। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र दहिया जो शराब घोटाले में शामिल था, उससे नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने चुनाव में 21 लाख रुपए चंदे के ले रखे हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को दोनों घोटालों की रिपोर्ट सदन पटल पर रखनी चाहिए और उन सभी का नाम उजागर करना चाहिए जो दोषी हैं।
महिला सुरक्षा पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए इनेलो नेता ने कहा कि महिलाओं को अपमानित करना जहां कांग्रेस की कल्चर रही है वहीं भाजपा ने कभी महिलाओं का सम्मान किया ही नहीं। भाजपा को अगर महिलाओं के सम्मान का इतना ही ख्याल है तो महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाती ताकि महिलाओं को उनके साथ हो रहे बलात्कार और उत्पीडऩ से निजात मिलती। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराध का कारण नशा है। भाजपा-जजपा के लोग आज चिट्टे का कारोबार धड़ल्ले से कर रहे हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। दोनों ही पार्टियां चिट्टा कारोबारियों को संरक्षण देने का काम कर रही हैं।