समाज के लोगों का संघर्ष व कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिखे पत्र का नतीजा है नीट परीक्षा में लागू किया गया आरक्षण- एडवोकेट खोवाल

July 30, 2021

समाज के लोगों का संघर्ष व कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिखे पत्र का नतीजा है नीट परीक्षा में लागू किया गया आरक्षण- एडवोकेट खोवाल

हिसार, 30 जुलाई रवि पथ :

हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट ने नीट की एमबीबीएस, एमडी/एमएस पोस्टग्रेजुएशन दाखिलों के दौरान सरकारी कॉलेज में ओबीसी को मिला आरक्षण पिछड़ा वर्ग के लोगों द्वारा 2016 से लड़ी जा रही संवैधानिक लड़ाई और संघर्ष के साथ साथ कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा लिखे गए पत्र का परिणाम करार दिया है।
डिपार्टमेंट के प्रदेश चेयरमैन एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले में तीन जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री मोदी को दो पेज का पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में ही वर्ष 2016 से नए तरीके से शुरू की गई नीट की परीक्षा में पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण से वंचित किया गया था। उसी समय से पिछड़ा के लोगों और संस्थाओं ने सरकार, प्रधानमंत्री और एनसीबीसी से एमबीबीएस दाखिलों में ओबीसी को भी संविधान अनुसार आरक्षण देने की मांग की थी, लेकिन भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग और प्रधानमंत्री कार्यालय इसको टालते रहे। जबकि एनसीबीसी आरक्षण देने के पक्ष मे थी।
बॉक्स -पिछले चार वर्षों से 11 हजार से अधिक सीटों का नुकसान उठा चुके हैं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी
एडवोकेट खोवाल ने बताया कि सरकारी दाखिलों में आरक्षण नहीं मिलने पर पिछड़ा वर्ग की संस्थाओ ने अदालत में बीजेपी सरकार के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी थी। जुलाई 2020 में मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामलें में एक वर्ष में फैसला करने का आदेश दिया था, वहीं कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर ओबीसी को नीट एमबीबीएस और एमडी/एमएस दाखिलों में तुरंत आरक्षण देने की मांग की थी। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पत्र में साफ लिखा था की 2017 से 2020 तक लगभग 11000 सीटों का नुकसान पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी भुगत चुके है। सोनिया गांधी ने पत्र के माध्यम से मांग करते हुए कहा था कि ये सामाजिक न्याय का तकाजा है।


बॉक्स- मद्रास कोर्ट ने जारी किया है अवमानना का नोटिस
एडवोकेट खोवाल ने बताया कि कांग्रेस ने ही 2005 में 93वां संविधान संशोधन अधिनियम बनाया था, जिसकी मोदी सरकार ने अवहेलना की है जिसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए था। अभी अभी 19 जुलाई 2021 को मद्रास हाई कोर्ट ने भारत सरकार को अदालत के आदेश 12 महीने में पूरे नहीं कर पाने पर अवमानना का नोटिस जारी किया था। वहीं विभिन्न सामाजिक संस्थाओ द्वारा लगातार आंदोलन किए जा रहे थे तथा ओबीसी की मांग को मुखर करने के लिए कांग्रेस पार्टी बढ़-चढ़कर समर्थन कर रही थी। एडवोकेट खोवाल ने हरियाणा सरकार से भी मांग की है कि पिछड़ा वर्ग के लिए क्लास वन व क्लास टू में भी 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए तथा क्रीमीलेयर का आधार भी सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा साहनी केस के मुताबिक जिस तरह से पूरे देश में लागू है, इसी तरह हरियाणा में भी लागू किया जाए।