समाज की पथ प्रदर्शक है मीडिया- प्रो. आर.सी. कुहाड़

June 11, 2021

समाज की पथ प्रदर्शक है मीडिया- प्रो. आर.सी. कुहाड़

हकेवि में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजित हुआ वेबिनार

आजादी के 75 वर्ष और मीडिया पर विशेषज्ञों ने रखे विचार

रवि पथ न्यूज़ ;

मीडिया हर किसी के जीवन का हिस्सा है। यह केवल मीडिया ही है, जिसके माध्यम से हम अधिक और व्यापक रूप से संवाद कर सकते हैं और एक-दूसरे जुड़ सकते हैं। चाहे हम संचार माध्यमों की बात करें या जनसंचार माध्यमों की, मनुष्य सूचना के बिना कुछ भी नहीं है। मीडिया ही है जो हमें सभी आवश्यक सावधानियों और प्रक्रियाओं के साथ जानकारी प्रदान करता है। कोरोना महामारी के समय में भी मीडियाकर्मियों ने महामारी की स्थिति से लड़ने के लिए सभी सावधानी, सूचना, रोकथाम और आवश्यक चीजों के बारे में हमें अद्यतन रखने के लिए अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के रूप में काम किया है। वह अभिनंदन के योग्य है। यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने शुक्रवार को आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के अंतर्गत आयोजित वेबिनार में अपने संदेश के माध्यम से व्यक्त किए। इस राष्ट्रीय वेबिनार में भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के प्रो. अनिल के. राय, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के सेंटर फोर मास कम्युनिकेशन के पूर्व अध्यक्ष प्रो.संजीव भानावत, व हरियाणा के उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला के मीडिया सलाहकार श्री सतीश बेनिवाल विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय की मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान पीठ के अधिष्ठाता प्रो. संजीव कुमार ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से आयोजित इस राष्ट्रीय वेबिनार में आजादी का अमृत महोत्सव अभियान की नोडल ऑफिसर प्रो. सारिका शर्मा ने कुलपति का संदेश प्रस्तुत किया। कुलपति ने अपने संदेश में कहा कि मीडिया ने हमेशा से समाज व आमजन के उत्थान के लिए कार्य किया है। इसे लोकतंत्र को चौथ स्तम्भ कहा जाता है। अपने आरम्भ से लेकर आज के परिदृश्य तक, प्रौद्योगिकी, सामग्री और रचनाओं के संदर्भ में मीडिया में बहुत सारे बदलाव हुए हैं। दर्शकों और सूचना उपभोक्ताओं से जुड़ने के लिए यह आवश्यक भी है। उन्होंने कहा कि आज मिथ्या समाचारों और गलत सूचनाओं से भरी आभासी दुनिया के समय में मीडिया की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। प्रो. कुहाड़ ने पत्रकारिता के सिरमौर लाला लाजपत राय, महामना मदनमोहन मालवीय, विपिनचंद्र पाल, गणेश शंकर विद्यार्थी, बाल गंगाधर तिलक और विपिन चंद्र पाल सरीखे आजादी के दीवानों की पत्रकारिता को स्मरण रखने आ आह्वान किया, जिन्होंने अपना आदर्श और विचार राष्ट्र के हित में ही रखा। बाल गंगाधर तिलक ने जब मराठी भाषा में ‘केसरी’ और अंग्रेजी भाषा में ‘मराठा’ नामक पत्रों का प्रकाशन प्रारंभ किया तो उन्होंने राष्ट्रीय व सामाजिक सरोकारों को आगे रखा। प्रो. कुहाड़ के अनुसार मीडिया न केवल सूचना का वाहक है बल्कि विकास के पहलुओं के लिए समाज के लिए एक पथप्रदर्शक के रूप में भी काम करता है।


आयोजन में विशेषज्ञ वक्ता के रूप में शामिल भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने नए भारत के निर्माण में मीडिया की भूमिका विषय पर प्रतिभागियों को संबोधित किया। प्रो. दिवेदी ने कहा कि पत्रकारिता की बात तो होती है लेकिन हम भारतीय पत्रकारिता के नायकों को ही भुलाते जा रहे हैं जोकि उचित नहीं है। उन्होंने अपने संस्थान में इस दिशा जारी प्रयासों के अंतर्गत पुस्तकालय को हिंदी पत्रकारिता के जनक जुगल किशोर का नाम दिए जाने का उल्लेख किया। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारिता का उद्देश्य है जनमत का निर्माण करना है, आम नागरिकों के हितों की रक्षा करना है और इस दिशा में पत्रकार को सदैव प्रयासरत रहना चाहिए। प्रो. द्विवेदी ने आजादी से पूर्व की पत्रकारिता और उसमें राजा राममोहन राय, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और सप्रे जी के योगदान विशेष रूप से उल्लेख किया। प्रो. द्विवेदी ने आज संवाद चौबीस घंटे सातों दिन हो गया है ऐसे में विश्वसनीयता को बरकरार रखने की चुनौती पत्रकारों व पत्रकारिता के समक्ष बनी हुई जिसके लिए गंभीरता के साथ प्रयास करने होंगे। प्रो. अनिल के राय अपने संबोधन में आजादी से पूर्व और आजादी के बाद पत्रकारिता के बदले स्वरूप पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता पहले मिशन थी, फिर प्रोफेशन बनी, फिर संसेशन और अब जाने क्या क्या नए रूप देखने को मिल रहे हैं। प्रो. राय ने कहा कि पत्रकारिता का श्वेत पक्ष है तो श्याम भी, यह अच्छी है तो बुरी भी और पत्रकारों का पहला धर्म है कि वह उसकी रक्षा करें और उसे बचाने के लिए प्रयास करें उसके सम्मान की रक्षा करें। प्रो. राय ने आगे कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि पत्रकारिता का स्वर्णिम युग फिर से लौटेंगा। राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के सेंटर फोर मास कम्युनिकेशन के पूर्व अध्यक्ष प्रो. संजीव भानावत ने अपने संबोधन में बेहद विस्तार से आजादी से पूर्व और आजादी से बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में आए बदलावों पर बात की। उन्होंने अपने संबोधन मे हिंदी का पहला समाचार पत्र निकालने वाले जुगल किशोर के प्रयासों और जेम्स हिक्की के समक्ष आई समस्याओं का भी उल्लेख किया। प्रो. भानावत ने विश्वविद्यालय में आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के आयोजन के लिए कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ की भी प्रशंसा की। प्रो. भानावत ने अपने संबोधन में भारतेन्दु का उल्लेख करते हुए आजादी की लड़ाई में पत्रकारिता के योगदान की चर्चा की। प्रो. भानावत ने वर्तमान की पत्रकारिता और उसके समक्ष उपलब्ध चुनौतियों का भी उल्लेख किया और कहा कि अब समय आ गया है कि हम सही सूचनाओं व निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए आवश्यक कीमत का भुगतान करने के लिए तैयार हो तभी हमें निष्पक्ष, समाज हितैषी व राष्ट्र को समर्पित पत्रकारिता का लाभ मिल सकेगा। आयोजन के अंत में हरियाणा के उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला के मीडिया सलाहकार श्री सतीश बेनिवाल ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का कार्यक्रम का सफलतम संचालन विभाग की सहायक आचार्य डॉ. भारती बत्रा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन विभाग के प्रभारी आलेख एस नायक ने दिया। आयोजन में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक, विद्यार्थी, शोधार्थी व शिक्षणेत्तर कर्मचारी शामिल हुए।