असक्षम अभिभावकों के खातें में डाले जाएं 1125 रूपए, ताकि स्कूल स्टाफ को दे सकें वेतन- कुंडू

June 29, 2020

असक्षम अभिभावकों के खातें में डाले जाएं 1125 रूपए, ताकि स्कूल स्टाफ को दे सकें वेतन- कुंडू
-हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ व इंटीग्रेटेड प्राइवेट स्कूल वेलफेयर सोयायटी ने उठाई मांग
-सरकारी कर्मचारियों के बच्चों के लिए दी जाने वाली राशि असक्षम अभिभावकों को भी दी जाए
29 जून रवि पथ चंडीगढ़
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू एवं इंटीग्रेटेड प्राइवेट स्कूल वेलफेयर सोसायटी के सौरभ कपूर ने मांग की है कि सरकारी कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार द्वारा वहन किए जाने वाले 1125 रूपए असक्षम अभिभावकों के बच्चों को भी दिए जाएं ताकि वे अपनी स्कूल की फीस समय पर जमा करा सकें और स्कूल संचालक भी अपने स्टाफ का वेतन समय पर जारी कर सके।

इसके साथ ही स्कूलों में एडमिशन के लिए भी एक तिथि निर्धारित की जाए ताकि बच्चे गंभीरता के साथ अपनी पढ़ाई शुरू कर सके। वह सोमवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए कुंडू ने कहा कि कोरोना महामारी पर सरकार ने लॉक डाउन लगाने से भी पहले 15 मार्च को ही हरियाणा के सभी स्कूलों को बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए बंद कर दिया था जोकि अब तक जारी है। लॉक डाउन के कारण सरकार ने सभी प्राइवेट स्कूलों को हर महीने की ट्यूशन फीस के अलावा सभी फीस व फंड पर रोक लगा दी थी व हर महीने वाली फीस भी न देने पर नाम न काटने के आदेश दिए थे, जिस पर हरियाणा में समस्त स्कूलों ने सरकार के आदशों की पालना की हरियाणा सरकार ने अपने आदेश को हर तीसरे चौथे दिन बार- बार मिडिया में देती रही। इसका असर ये हुआ कि जनता में यह गलत संदेश गया कि सरकार स्कूलों पर सख्त है और फीस माफ हो जायेगी और सक्षम माता पिता भी फीस नहीं दे रहे हैं, जबकि मजबूर माता पिता के सहयोग के लिए सभी प्राइवेट स्कूल तैयार हैं। ऐसे अभिभावकों को स्कूल संचालक धीरे धीरे किश्तों में भी फीस जमा करवाने के लिए हमेशा से ही सहयोग करते रहे हैं ओर करते रहेंगेद्ध उन्होंने कहा कि कुछ चुनिंदा स्कूलों को छोड़कर अन्य स्कूलों में 5 प्रतिशत फीस भी जमा नहीं हुई, जिसके कारण लगभग 20 हजार स्कूलों के लाखों कर्मचारियों का वेतन स्कूल पिछले तीन महीने से नहीं दे पाए।

उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार द्वारा सक्षम एवं असक्षम अभिभावकों की परिभाषा को साफ किया जाए और अभिभावकों को स्कूल फीस जमा करवाने साफ साफ के आदेश दिए जाएं। कुंडू ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में हर व्यक्ति और इंडस्ट्री मंदी के दौर से गुजर रही है। उसी प्रकार प्राइवेट स्कूल और उनके अभिभावक भी इससे अछूते नहीं है। इसलिए प्राइवेट स्कूलों के अभिभावकों को भी 3 महीने की फीस का राहत पैकेज दिया जाए। उन्होंने कहा कि जैसे हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों को उनकी हर महीने के वेतन के साथ उनके बच्चों के लिए हर महीने 1125 रुपये प्रति बच्चा सीधा उनके बैंक खातों में जाता है, उसी तरह निजी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों को भी आर्थिक राहत मिले और प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों के अध्यापकों, अकाउंटेंट, ड्राइवर, कंडक्टर, चपड़ासी, माली आदि को भी वेतन दिया जा सके। कुंडू ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की एक और बड़ी समस्या अब स्कूल बस बन गई हैं, जिनका न तो किराया मिल रहा है। इस कारण बसों की बैंक लोन की किश्तें व बीमा भी भरने में सभी स्कूल असमर्थ हो गये हैं। उन्होंने कहा कि 26 जून के आदेशों के बाद कमर्शियल वाहनों का दो महीनें का टैक्स तो माफ कर दिया, लेकिन जब तक स्कूलों की बसें दोबारा नही चलती तब तक पासिंग और टैक्स व बिजली के बिल भी माफ किए जाएं। इसके साथ ही उन्होंने नियम 134 ए की क्षतिपूर्ति की बकाया राशि को शीघ्र जारी करवाने की भी मांग की, ताकि इस आपदा की घड़ी में सभी प्राइवेट स्कूल अपने स्कूल का खर्च चला सके।

वार्ता के दौरान कुंडू ने हरियाणा के स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल जिनकी मान्यता को 10 से अधिक वर्ष हो चुके हैं उन्हें रिन्यू करने की बजाय एफिडेविट लेकर रिव्यू करने व फार्म नंबर 2 नंबर भरवाने की मांग को भी प्रमुखता के साथ उठाया। इसके साथही उन्होंने मांग की कि प्राइवेट स्कूलों के एमएस पोर्टल को लॉगिन करते समय स्कूल मुखिया के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी आना चाहिए तथा वह ओटीपी डालकर ही लॉगिन होना चाहिए। ऐसा ना होने की अवस्था मे विभाग बिना स्कूल की अनुमति के लॉगिन करके रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। जिससे विद्यालय की गोपनीयता का हनन हो सकता है। इसके अलावा उन्होंने आठवीं तक मान्यता प्राप्त स्कूलों के मान्यता के लेटर पर प्रोविजनल की जगह स्थाई मान्यता लिखवाने तथा हरियाणा के 3200 अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल, एक्जिस्टिंग स्कूल व गैर मान्यता स्कूलों को कॅरोना महामारी को देखते हुए एक वर्ष का समय देने तथा नियमों में सरलीकरण कर मान्यता देने की मांग की। इस दौरान सौरभ कपूर को उपप्रधान निर्वाचित करते हुए पांच जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस मौके पर उनके साथ प्रांतीय संरक्षक तेलुराम रामायणवाला, नवनिर्वाचित उपप्रधान सौरभ कपूर, उपप्रधान रामकुमार भाखर, प्रेस प्रवक्ता विनय वर्मा, महाबीर यादव, बंसीलाल कपूर, महासचिव अजय कटकड़, रवि सूरी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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