टीम गुजवी ने यूनम की चोटी पर फहराया तिरंगा

September 10, 2022

टीम गुजवी ने यूनम की चोटी पर फहराया तिरंगा

आज़ादी के अमृतमहोत्सव के तत्वधान में गुरु जम्भेश्वर विश्विध्यालय की माउंटेन एवं अड्वेंचर क्लब की टीम ने

 रवि पथ न्यूज़ :

स्पीती वैली में स्थित यूनम पीक (6111 मीटर) पे ध्वजारोहण किया।
युनम चोटी लाहौल स्पीति के सुदूर में स्थित है। जहाँ कि सुखी हवा, उच्च तुंगता, अत्यंत बीहड़ ओर ठंडे सूखे बर्फ़ से ढके पर्वत इसको दुर्गम बनाते हैं।
युनम हिमालय रेंज में 6100 मीटर से अधिक उन चंद चोटियों में शामिल है, जिसको ट्रैक किया जा सकता है।
युनम चोटी पर चढ़ने के लिए 11 सदस्यों दल 2 सितम्बर कि शाम को गुजवि से रवाना हुई थी। जिसका पहला पड़ाव सोलांग वैल्ली में हुआ। प्रवतारोहण के लिए आवश्यक उपकरण व अन्य सामान का निरीक्षण कर टीम अगले पड़ाव के लिए रवाना हो गई।
इसमें टीम ने पटसियों में 4000 मीटर पर नदी के किनारे कैंप किया। वातावरण अनुकूलन व अन्य प्रशिक्षण का अभ्यास किया। इसी अभ्यास के दौरान टीम के एक सदस्य को मोच आ गई। कुछ सदस्यों को AMS हो गया।
तत्पश्चात टीम बारालाचा (4850 मीटर) पास से गुजरते हुए भरतपुर बेस कैंप के लिए रवाना हो गई।
ये पास देश के चुनिंदा उच्च ऐल्टिटूड मोटोरेबल मार्ग में से एक है। इसी दौरान बारालच्चा पास पर स्थित खुबसुरत सुरजताल पर टीम ने 5000 मीटर कि ऊँचाई पर अभ्यास किया। इसी दौरान बेहद ठंडी हवाओं व बर्फबारी का सामना किया। लेकिन परिस्तिथियाँ प्रतिकूल होने पर भी टीम ने अपना अभ्यास जारी रखा।
तत्पश्चात टीम गुजवि तीसरे पड़ाव में बेस कैंप भरतपुर पहुंची।
बेस कैंप जो कि 4500 मीटर से अधिक ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ पर बेहद प्रतिकूल वातावरण के कारण टीम के 2 सदस्य AMS का शिकार हो गए। AMS प्रवतारोहियों में उच्च तंगता से सामंजस्य ना बैठाने से सिकनेस हो जाती है। जिसमें भयंकर सिरदर्द व श्वास लेने में समस्या आती है। जिसके कारण दो सदस्यों को उनकी इच्छा के खिलाफ अभियान बीच में छोड़ वापिस भेजना पड़ा।
क्योंकि इस बीमारी का एकमात्र ईलाज कम ऊँचाई पर आना होता है, अन्यथा यह जानलेवा साबित हो सकती है। इन विकट परिस्थितियों के चलते भी टीम के उत्साह में कोई कमी नही आई ओर टीम 15 किलो के बैग के साथ दुर्गम चढ़ाई करते और एक नाले को पार करते हुए एडवांस बेस कैंप के लिए रवाना हुई, जो कि 5100 मीटर कि ऊँचाई पर युनम की चोटी के ठीक नीचे था। यहाँ मौसम बेहद सर्द ओर शुष्क होने के बावजूद दृश्य बेहद मनोरम एंव दर्शनिय था। यहाँ चारों तरफ़ बर्फ से लदे पहाड़ कि चोटियाँ, सुंदर झील, हरियाली एंव घास का तिनका भी मौजूद न होने के बावजूद भी खास लग रहा था।
शुष्क एंव अति सर्द हवाओं ओर उच्च ऐल्टिट्यूड में सभी सदस्यों का ऑक्सीजन स्तर 80 के आस पास था।

जहां पर तापमान माइनस 5-10 डिग्री ओर हल्की बर्फबारी एवं सर्द हवाओं के बावजूद भी प्रोफैसर संजीव कुमार ने सबको दौड़ लगवायी एवं योगा अभ्यास करवाया ओर विशेष तौर पे ओम् का उचारण ताकि श्वास प्रवाह सामान्य रह सके| 7 सितंबर की रात को 12 बजे माइनस -10° डिग्री तापमान ओर हल्की बर्फ़बारी के बीच टीम के 8 सदस्यों ने चढाई शुरू की| टीम के एक सदस्य Dr. Vizender Sihag पांव में मोच के बावजूद आजादी अमृत महोत्सव एवं तिरंगे की शान में पांव में पट्टी बांधकर सबसे आगे खड़े थे| गहराती रात में सर्द हवाओं के बीच एक दूसरे का उत्साह बढाते हुए टीम धीरे धीरे मंजिल की तरफ बढ़ रही थी| आज टीम को मंजिल पाने के लिए 1000 मीटर की चढ़ाई चढ़नी थी जो कि एक दिन में काफ़ी ज़्यादा माना जाता है| जहां एक तरफ पत्थरों पर जमी बर्फ की परत इस रास्ते को बेहद खतरनाक बना रही थी, वहीं भोर का तारा टीम को प्रेरणा दे रहा था| 6 बजते बजते टीम बेहद थक चुकी थी और पानी भी समाप्त होने वाला था| इस चोटी का रास्ता ऐसा था कि टीम के सदस्य एक साथ बैठ भी नहीं सकते थे| 6 बजते ही पौ फटने के साथ जैसे ही सूर्य की पहली किरण पर्वतों पर पड़ी तो चारों तरफ सुनहरी रोशनी बिखर गई ओर इस ख़ूबसूरती ने सब को मदहोश कर दिया और टीम में जैसे नई ऊर्जा का संचार हो गया| 7 बजते बजते टीम के सभी सदस्य युनम की चोटी पर पहुंच गये और तिरंगा फहराया जहां पर तिरंगे की चमक और चारों तरफ बर्फ से लदी चोटियां देखते ही टीम को जैसे अपनी मेहनत का ईनाम मिल गया।हमारे Trekking Guide ने बताया कि उन्हें याद नही आता कि कभी ऐसा हुआ है कि टीम के सभी सदस्यों ने एक साथ चोटी फतेह की हो| इस दौरान हरियाणा स्कूल ओफ़ बिज़्नेस की पिंकी इंदोरा गुजवि से पहली एवं इकलौती छात्रा बनी जिसने अपने पहले ही प्रयास में 6000 मीटर से अधिक ऊँचाई की चोटी फतेह की|

इस अवसर पर टीम लीडर प्रोफेसर संजीव कुमार ने कहा कि बड़ी बात ये नही है, कि टीम ने सफलतापूर्वक युनम कि चढ़ाई कि बल्कि बड़ी बात ये है कि गुजवि का माऊंटायनियरिंग एंड एडवेंचर क्लब ऐसे लोगों को मौका देता है जिनका ट्रैकिंग व पर्वतारोहण का कोई प्रशिक्षण नही होता। होता है तो सिर्फ प्रकृति के लिए प्यार, स्वस्थ मन ओर शरीर। युनम चोटी का altitude देखते हुए यह पीक प्रशिक्षण प्राप्त पर्वतारोही एवं ट्रैकर के लिए भी एक उपलब्धि जैसा है जबकि गुजवि टीम के दस में से 8 लोगों के पास कोई पूर्व अनुभव नही था। टीम ने मनबल एंव आपसी सहयोग से ही इस दुर्लभ उपलब्धि को प्राप्त किया। टीम के आठ सदस्यों में से सभी आठ जिन्होंने चढ़ाई शुरू की थी सभी ने चोटी फ़तह की| प्रो संजीव ने टीम प्रबंधक के तौर पे राजेश पुनिया का अभियान प्रबंधन की विशेष उल्लेख किया जिसके चलते टीम अपने मिशन पे ध्यान केंद्रित कर सकी।
इसी के साथ गुजवी आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में पर्वतारोहण कर के किसी चोटी पर तिरंगा फहराने वाला शायद पहला विश्वविद्यालय बन गया ।
इस अवसर ओर गुज़वी के कुलपति प्रफ़ेसर बी. आर. कम्बोज ने टीम की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया ओर टीम की प्रशंसा की! कुलसचिव डॉक्टर अवनेश वर्मा ओर अन्य वरिष्ठ प्रोफ़ेसर गण, विशेषतः प्रो विनोद बिश्णोई, प्रो करमपाल नरवाल व प्रो विनोद छोकर शामिल हैं जो पूर्व में ऐसे साहसिक अभियानों का हिस्सा रह चुके हैं ओर इस बड़ी उपलब्धि को समझते हैं ने टीम की उपलब्धि को उत्साहवर्धक बताया।
टीम में प्राध्यापकों, स्टाफ़ , छात्रों एवं पूर्व छात्रों की मिली जुली भागीदारी थी।
इस टीम में
प्रो संजीव, डॉक्टर विजेंदर सिहाग, राजेश पुनिया (नेट वर्किंग सेल), प्रवीण बामल (प्राक्टर ऑफ़िस), एवं छात्र जिनमे सुखविंदर, प्रदीप, पिंकी, सोनू, अमरजीत शामिल हैं, साथ ही पूर्व छात्र संदीप यादव भी इस अभियान का हिस्सा थे।