रिश्वतकांड से भाजपा सरकार में पर्ची-खर्ची के खेल की पोल खुली- कृष्णा पुनिया

September 10, 2022

रिश्वतकांड से भाजपा सरकार में पर्ची-खर्ची के खेल की पोल खुली- कृष्णा पुनिया

रिश्वतख़ोरी के पूरे मामले की हाईकोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जाँच हो

फतेहाबाद, 10 सितंबर, 2022 रवि पथ :

फतेहाबाद की वरिष्ठ नेता और महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष  कृष्णा पुनिया ने कहा है कि फतेहाबाद से भाजपा विधायक दुड़ाराम के ड्राईवर सुभाष द्वारा विधायक के पीए पर रिश्वतख़ोरी के आरोपों के बाद विधायक निवास पर प्रदर्शनकारियों को आज पुलिस द्वारा जबरन हटाने से भाजपा सरकार की बिना पर्ची, बिना खर्ची के झूठे दावों के पोल खुल गई है। इस घटना से साफ हो गया है कि एक ओर जहां स्थानीय विधायक की भूमिका संदेह के घेरे में है, वहीं दूसरी ओर सरकार के सरंक्षण से ही भ्रष्टाचार व भाई भतीजावाद का खुला खेल चल रहा है।

यहाँ जारी एक बयान में  कृष्णा पुनिया ने कहा कि भाजपा विधायक के ड्राईवर द्वारा आत्महत्या की कोशिश के बाद मामले को जिस तरह से रफ़ा दफ़ा किया गया और आज जिस प्रकार से प्रशासन ने आरोपियों को बचाने की कोशिश की उससे स्पष्ट है कि रिश्वतख़ोरी के पूरे मामले की हाईकोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए। इससे बड़ी बात क्या होगी कि विधायक का ड्राईवर विधायक के पीए पर नौकरियाँ लगवाने के लिए खुले आम रिश्वत लेने की बात कह रहा है। यदि किसी व्यक्ति को प्रताडऩा से तंग होकर आत्महत्या करने की नौबत आ जाए और उसके बाद भी सरकार व विधायक चुप रहे तो इससे साफ है कि भ्रष्टाचार का खुला खेल सरकार व विधायकों के संरक्षण में चल रहा है।

कांग्रेसी नेत्री ने कहा कि चाहिए तो यह था कि सभी आरोपियों के विरूद्ध तुरंत मुकदमा दर्ज होता और उसके बाद जांच होती लेकिन यहां तो उल्टी गंगा बह रही है। सरकार की सारी मशीनरी व विधायक के कारिंदों ने विधायक के ड्राईवर पर उसका बयान पलटने का दबाव बनाया गया।

कृष्णा पुनिया ने कहा कि यदि भाजपा द्वारा विधायक को पार्टी से नहीं निकालने से भाजपा की भ्रष्टाचार पर कथनी और करनी में फर्क एक बार फिर साफ हो गया है। यह स्पष्ट है कि हरियाणा में पर्चियां भी चलती है और ऊपर से खर्ची भी दी जाती है।

पूनिया ने सीधा सवाल पूछते हुए कहा कि क्या पीए बिना विधायक की स्वीकृति के नौकरी लगाने की पर्चियां पकड़ सकता है। क्या विधायक की संलिप्तता के बगैर यह संभव है? जनता के बीच विधायक के पहले भी कई गंभीर मामले आ चुके है, मगर भाजपा सरकार हर बार उन्हें बचाव में उतर जाती है। उन्होंने सरकार से इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है।