25 बच्चों को बोर्ड ने किया फेल, बोर्ड सचिव ने गलती को स्वीकारा

October 20, 2020

25 बच्चों को बोर्ड ने किया फेल, बोर्ड सचिव ने गलती को स्वीकारा

कम से कम पहली बार बोर्ड प्रशासन को हुआ अपनी गलती का एहसास- सत्यवान कुंडू

20 अक्टूबर रवि पथ :

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा है कि निरंतर अस्वीकार्य एवम बड़ी त्रुटियों को करते हुए हरियाणा एडुकेशन बोर्ड ने अपने पहले के रिकॉर्ड को और निम्न स्तर ले जाने का कार्य किया है। पहले जब इस बात को संघ के पदाधिकारियों ने संज्ञान में लाने का कार्य किया तो उल्टा संघ के स्कूलों पर तुगलकी फरमान चस्पा कर दिए गए। ये रिकॉर्ड दिखाओ, वो रिकॉर्ड दिखाओ आदि आदि। यह निरंकुशता हावी होती जा रही थी। तब न तो कोई समाधान निकाला गया और न ही कोई खेद प्रकट किया गया। अब जाकर सचिव ने न केवल खेद प्रकट किया है, साथ ही संबंधित शिक्षकों पे उपयुक्त प्रशासनिक कार्यवाही भी की है।
प्रदेशाध्यक्ष कुंडू ने बताया कि उक्त प्रकरण हिसार जिले के दौलतपुर के सरकारी उच्च विद्यालय के 25 बच्चो के परिणाम से संबंधित है। यहां पर पहले तो 59 में से सब बच्चे पास दिखाए गए और अब 25 बच्चों को 4 महीने बाद फेल कर दिया गया। बच्चों पर यह वज्रपात सा ही हो गया है। ये बच्चे 11वीं में एडमिशन लेकर अपनी पढ़ाई भी शुरू कर चुके थे। उन्होंने कहा कि पहले जब संघ के वरिष्ठ उप प्रधान ने इस बारे में टिप्पणी की थी और समय से ध्यान दिलाया गया था कि ये छोटी गलती नही, बल्कि जल्द से जल्द इसको संज्ञान में लेकर ठीक किया जाए तो इस सार्थक, उपयोगी सलाह को दरकिनार कर दिया गया। जब हिसार के एक 2 नंबर पाने वाले बच्चे के री- वैल्यूएशन पर 98 नंबर बढ़के 100 हुए और पानीपत के बच्चे के 8 नम्बर से बढ़कर 100 हुए तो कोई बड़ी त्रुटि की आशंका तो पहले ही दिखलाई पडऩे लगी थी। अब जब दौलतपुर की यह बड़ी घटना इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर वायरल हुई है तो सब और थू थू हो रही है। अपनी इज़्ज़त का धत्ता बताकर सब और हरियाणा की बेइज़्जती करवाकर भला क्या हासिल हुआ। कुंडू ने कहा कि वैसे भी अब तो सरकार भी दिल्ली बोर्ड से सब सरकारी स्कूलों को संबद्धित करने का मन बना ही चुकी है। हरियाणा बोर्ड का अस्तित्व ही अब तो खतरे में पड़ चुका है। अगर कुछ तर्कसंगत और उपयोगी कदम बोर्ड द्वारा पहले से ही उठाये होते तो ये नौबत नहीं आती।
प्रदेशाध्यक्ष कुंडू ने कहा कि पहले पास और अब 4 महीने उपरांत फेल इन 25 बच्चो का भला क्या दोष था। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इन 25 बच्चों को तत्काल घोषणा करके पास किया जाए और इन अबोध और नाजुक बच्चो पर यह जो अमानवीय, मानसिक आघात हुआ है उस से इन बच्चों को अतिशीघ्र निजात दिलवाई जाए। उन्होंने कहा कि बोर्ड के निरंकुश प्रशासक और बोर्ड के शक्ति के केंद्र बिंदु अध्यक्ष इस बाबत अपनी गलती को स्वीकार क्यों नहीं कर रहे। क्या ऐसा करके उनके अहम को चोट लगेगी। प्रजातंत्र का हिस्सा होते हुए भी अपनी गलती स्वीकार न करना भला क्या प्रतिबिम्ब प्रस्तुत करता है। कुंडू ने कहा कि बोर्ड सचिव ने तो तुरंत संज्ञान लेते हुए सारी गलती अपने ऊपर लेके बहुत ही सुन्दर और प्रसंसनीय उदाहरण पेश किया है वे इस के लिए साधुवाद एवम धन्यवाद के हकदार हैं।