गुजरात के गांधीधाम से आये युवाओं के साथ टिकैत ने चरखा चलाया

February 21, 2021

गुजरात के गांधीधाम से आये युवाओं के साथ टिकैत ने चरखा चलाया

बोले, गांधी के गुजरात को अब कारपोरेट से आजाद कराएंगे

गाजियाबाद, 21 फरवरी रवि पथ :

गांधी के गुजरात को अब कारेपोरेट से आजाद कराएंगे। यह बात रविवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने उस समय कही जब वह गुजरात के गांधीधाम और महाराष्ट्र से आए युवाओं के साथ गाजीपुर बार्डर पर चरखा चलाया। राकेश टिकैत ने कहा कि एक समय था जब पैसे बहुत कम थे और सुख कहीं ज्यादा। अब पैसा तो बढ गया लेकिन सुख कहीं खो गया। पहले गांव में हम कर चीज गेहूं के बदले ले लेते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। उसका बड़ा कारण देश पर कारपोरेट का कब्जा होना ही है। टिकैत ने कहा कि ये तीन नए कृषि कानून जो सरकार लेकर आई है, उनके जरिए ऐसी स्थिति लाने की तैयारी है कि किसान अपने ही खेत से खाने के लिए एक गन्ना तक नहीं तोड़ पाएगा।
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि अब दूध की ही बात ले लो। गांव के किसान को जिस दूध के 20-22 रूपए किलो के हिसाब से मिलते हैं वही दूध प्रोसेस होने के बाद 55 रूपए लीटर ‌शहर वालों को मिलता है। अभी तो फिर भी गांव से दूध वाला दूध लेकर शहर तक सीधे पहुंचा देता है, भले बीच में वह थोड़ा घना पानी मिला देता है लेकिन आने वाले दिनों में यह दूध के डिब्बे वाली व्यवस्था खत्म करने की तैयारी है।

गांव से बड़ी-बड़ी कंपनियां ही दूध लेंगी और शहर में लाकर उसे अपने दामों पर बेचेंगी। ठीक यही काम रोटी के साथ होने जा रहा है। कारपोरेट कंपनियां अनाज खरीदकर अपने गोदामों में भर लेंगी और जब देश में अन्न की किल्लत होगी तब अपने रेट पर बाजार में अनाज को उतारेंगी। उन्होंने कहा कि इतने बड़े-बड़े गोदाम इसीलिए तो बनाए जा रहे हैं।
राकेश टिकैत ने कहा कि उस स्थिति में गरीब मजदूर को रोटी कैसे मिलेगी? यही हमारी चिंता है। किसान संगठनों ने तय कर लिया है कि हम भूख का व्यापार नहीं होने देंगे। रोटी को तिजोरी की वस्तु नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने चरखा चलाकर देश की आजादी का आंदोलन चलाया था और अब हम गांधी जी के चरखे के सहारे उनके गुजरात को कारपोरेट से मुक्त कराने का लड़ाई लड़ेंगे। टिकैत ने कहा कि वह जल्द ही गुजरात जाएंगे और वहां भी आंदोलन को धार देने का काम करेंगे। गुजरात के अहमदाबाद से आंदोलन स्थल पर पहुंचे देव देसाई ने बताया कि गुजरात में दबे पांव आंदोलन जगह बना रहा है।