विश्व पर्यावरण दिवस पर सामने आया हरे पेड़ काटे जाने का मामला

June 5, 2019

विश्व पर्यावरण दिवस पर सामने आया हरे पेड़ काटे जाने का मामला

उकलाना रवि पथ ब्यूरो 5 जून 19

5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। हरियाणा प्रदेश भी विश्व पर्यावरण दिवस को मना रहे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन देकर पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं दे रहे हैं वहीं धरा को हरा-भरा रखने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आह्वान भी कर रहे हैं। लेकिन उकलाना में इसके बिल्कुल विपरीत हो रहा है। सरकारी विभाग में ही हरे पेड़ काटे जाने का मामला पर्यावरण दिवस पर सामने आया है। उकलाना के बीडीपीओ कार्यालय में हरे पेड़ काटकर गिरा दिए गए।

इन पेड़ों को आनन-फानन में काटकर इस तरह से धूप में गिराया गया ताकि 45 डिग्री पारे में जल्दी से सूख कर खत्म हो जाए और इन्हें सूखे पेड़ करार देकर मामला रफा-दफा कर दिया जाए।
इस पूरे मामले की जानकारी लेने के लिए बीडीपीओ कार्यालय के कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने इस पूरे मामले से अनभिज्ञता जाहिर की। वही उकलाना के बीडीपीओ संजय भारद्वाज से जब संपर्क किया गया तो पहले उन्होंने फोन नहीं उठाया।
लेकिन दोबारा संपर्क करने पर उन्होंने कहां की जहां पर यह पेड़ खड़े थे वहां पर उनके विभाग की खराब और दुर्घटनाग्रस्त हुई गाड़ी खड़ी थी और यह पेड़ टूटकर उस गाड़ी के ऊपर गिर गए थे।
उस गाड़ी को निकालने के लिए इन पेड़ों को काटना पड़ा लेकिन जनाब को पेड़ो से ज्यादा खराब हुई गाड़ी और दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी लोहे की वह खराब हुई कार अच्छी लगी है।
यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि खराब हुई गाड़ी क्या इन हरे भरे पेड़ों से ज्यादा महत्वपूर्ण थी।
जब इस पूरे मामले पर बीडीपीओ संदीप भारद्वाज से बात की गई तो उन्होंने गोलमोल करते हुए जवाब देकर फोन काट दिया।
इस पूरे प्रकरण पर उकलाना के वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन श्री निवास गोयल, निगरानी कमेटी के चेयरमैन रामफल नैन,पंचायत समिति के चेयरमैन कृष्ण लितानी से बात की गई तो उन्होंने मामले की जानकारी ना होने का हवाला दिया और जानकारी प्राप्त कर कार्रवाई करने की बात कही।
हरे पेड़ काटे जाने के मामले पर किसी भी कर्मचारी ने अपना पक्ष कैमरे के सामने रखने से मना कर दिया वहीं बीडीपीओ संदीप भारद्वाज ने बाहर होने की बात कही।

इस पूरे मामले को लेकर हिसार डीडीपीओ अशवीर नैन से जब बात की तो उन्होंने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आ चुका है और इसकी जांच करवाई जा रही है उन्होंने कहा कि जहां तक प्राथमिक दृष्टि से उन्हें पता चला है पेड़ सूखे बताए जा रहे थे और सूखे पेड़ों को काटने के लिए किसी एनओसी की आवश्यकता नहीं है लेकिन फिर भी इस मामले की जांच करवाई जाएगी।