सीएम, विस अध्यक्ष और मंत्रियों ने मोरनी में भरी ‘विकास की उड़ान’

June 20, 2021

सीएम, विस अध्यक्ष और मंत्रियों ने मोरनी में भरी ‘विकास की उड़ान’

टिक्कर ताल में रोमांचक गतिविधियों से खुलेंगे पर्यटन के नए रास्ते

थापली में पंचकर्मा केंद्र शुरू, प्रकृति के सानिध्य में होगा स्वास्थ्य संरक्षण

पंचकूला, 20 जून  रवि पथ :

विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने 20 जून को पंचकूला जिले के इतिहास में बड़ा दिन बताया है। मोरनी के टिक्कर ताल में साहसिक खेलों तथा रोमांचक गतिविधियों का शुभारंभ और थापली में पंचकर्मा केंद्र के उद्घाटन से यहां विकास की नई इबारत शुरू हो गई है। इससे जहां इस क्षेत्र में पर्यटन का नया दौर शुरू होगा, वहीं स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के व्यापक अवसर भी सृजित हो सकेंगे। विधान सभा अध्यक्ष ने इस शुरुआत के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल और वन एवं पर्यटन मंत्री कंवर पाल का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उनके कैबिनेट सहयोगियों के साथ मोरनी पहुंचे विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने टिक्कर ताल में पैरामोटर की रोमांचक उड़ान भरी। इस उड़ान के बाद उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह सिर्फ पैरामोटर उड़ान नहीं, अपितु भविष्य में पंचकूला जिले के विकास की उड़ान साबित होगी। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में वर्ष का सबसे बड़ा दिन भले ही 21 जून को रहता हो, लेकिन पंचकूला जिले में 20 जून को ही सबसे बड़े दिन का आगाज हो गया। इस दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहां विकास की गई गाथा लिख दी है।

इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों से आह्वान किया है कि प्रदेश सरकार जिस प्रकार इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, स्थानीय लोगों को भी इसका भरपूर लाभ उठाना चाहिए। गुप्ता ने कहा कि मोरनी में साहसिक खेलों और रोमांचक गतिविधियों के शुभारंभ से पर्यटन क्षेत्र में विकास के नए रास्ते खुलेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि रोजगार की इन गतिविधियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।

मोरनी के बाद थापली स्थित नेचर कैंप में पंचकर्मा केंद्र का उद्घाटन किया गया। यहां उन्होंने शिरोधारा और पत्र पोटली उपचार केंद्र का निरीक्षण भी किया। यहां सेवारत जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. दिलीप मिश्रा ने मुख्यमंत्री और विधान सभा अध्यक्ष को बताया कि शिरोधारा अनिद्रा, तनाव और उच्च रक्तचाप में रामबाण उपचार है, उसी प्रकार पत्र पोटली का प्रयोग पीड़ानाशक के तौर पर किया जाता है। यह वातशमन, कफशमन, अर्थराइट्स और स्पोंडोलाइसिस में काफी कारगर तकनीक है।