शिरोमणि भगत धन्ना जाट त्याग व दान की प्रतिमूर्ति थे :— गायत्री देवी

April 21, 2021

शिरोमणि भगत धन्ना जाट त्याग व दान की प्रतिमूर्ति थे :— गायत्री देवी

हिसार, रवि पथ  :

संत शिरोमणी भगत धन्ना सेवा समिति की प्रदेश अध्यक्ष एवं भाजपा की वरिष्ठ नेत्री गायत्री देवी ने आज भगत धन्ना जी की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प माला अर्पित करते हुए कहा कि शिरोमणि भगत धन्ना जाट ने अपने खेत में बोने के लिए बीज को साधु संतों में भोजन बनाकर खिला दिया था तथा अपने खेत में बीज की जगह मिट्टी बो दी थी और उस मिट्टी से खेत में लहलाती हुई फसल पैदा हुई थी । उनके त्याग समर्पण तथा भक्ति भाव आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। गायत्री देवी ने आगे कहा कि शिरोमणि भगत धन्ना जी किसानी से जुड़े होने के बावजूद भी भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहते थे तथा आज तक भगत धन्ना ही ऐसे भक्त हुए हैं जिनको भगवान श्री कृष्ण जी साक्षात रूप में दर्शन देते थे । और जब धन्ना जी चाहते थे तभी कृष्ण जी उनके पास आ जाते थे । यह उन्हें भगवान श्री कृष्ण का वरदान था । इस अपार भक्ति और सद्भाव तथा उनकी वाणी को सुनकर लोग उन्हें भगत के नाम से पुकारने लगे थे ।

गायत्री देवी ने कहा कि भगत धन्ना जी की वाणी गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज है । श्री कृष्ण जी की अपार भक्ति के कारण उनके खेत के पास बने तालाब से वह मोती निकाल कर दान करते थे बाद में इसका नाम मोती सागर रखा गया ।भगत धन्ना जी पर अनेक साहित्यिक पुस्तकें तथा नाटक व बॉलीवुड में फिल्में बनी है जिन्हें लोगों के द्वारा बड़े ही उमंग व उल्लास के साथ देखा गया है । गायत्री देवी ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि हरियाणा प्रदेश में भी उनके नाम पर कॉलेज, विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थान, व अन्य सरकारी संस्थान खोले जाएं । हम उनके दिखाए मार्ग पर चलकर ही सही मायने में उन्हें याद कर सकते हैं ।इस अवसर पर नवीन घणघस, भरत सिंह घणघस, सुखबीर चहल, सुभाष शर्मा ,धर्मवीर ,जोगिन्द्र पातड़, संजय बूरा, महावीर, ओम प्रकाश , अमित ,महेश, रवि ,बलजीत, सुमित्रा ,कृष्णा, गुड्डी, विमला, आदि भगत मौजूद थे।