हरियाणा सरकार ने पेंशन व्यवस्था बहाल कर एचएयू तथा लुवास के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दिया नववर्ष का तोहफा
पेंशन व्यवस्था की जोरदार पैरवी करने पर सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा को सम्मानित किया।
हिसार, 10 जनवरी रवि पथ :
प्रदेश सरकार ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय तथा लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के सैकड़ों पूर्व व वर्तमान में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों की पेंशन बहाली का निर्णय लेकर उन्हें नववर्ष का बड़ा तोहफा दिया है। यह अधिकारी-कर्मचारी बीते कई वर्षों से पेंशन व्यवस्था की बहाली की मांग कर रहे थे। इस सम्बंध में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय तथा लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के ये अधिकारी-कर्मचारी पिछले दिनों डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा से मिले थे और उनसे इस मामले की पैरवी करने की अपील की थी। डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा ने उनकी मांग को मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष रखा, जिसके बाद अधिकारियों व कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल कर दिया गया है। पेंशन बहाली पर सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने डिप्टी स्पीकर से मुलाकात कर उनका आभार जताया और उन्हें सम्मानित किया। संघ के प्रतिनिधि भूपेंद्र पाहवा ने बताया कि लगभग दो दशक पूर्व हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों को पेंशन व्यवस्था तथा एकमुश्त पैसा लेने का विकल्प प्रदान किया गया था। बहुत से अधिकारी-कर्मचारी संशय व अन्य कारणों के चलते विकल्प को चुन नहीं पाए थे, जिसके बाद रिटायरमेंट पर उन्हें एकमुश्त पैसा देकर सेवानिवृत्त कर दिया गया। उन्होंने बताया कि अब हरियाणा सरकार द्वारा पत्र जारी करके सभी अधिकारी-कर्मचारियों को पुरानी व्यवस्था के तहत पेंशन देने का निर्णय किया गया है।
पत्र में सरकार ने सेवानिवृत्ति के दिन से ही यह व्यवस्था बहाल करने के निर्देश दिए है। सरकार के इस निर्णय का लाभ उन सभी वर्तमान कर्मचारियों को भी होगा जो विकल्प चुनने से वंचित रह गए थे। इस अवसर पर हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय तथा लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल के अतिरिक्त हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व चेयरमैन सतबीर वर्मा, डॉ आरके पन्नू, डॉ सेवक राम, नरेश मेहता, अशोक मित्तल सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।