जल संरक्षण के लिए अन्नदाता को अपनानी होगी आधुनिक तकनीकें : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

September 9, 2021

जल संरक्षण के लिए अन्नदाता को अपनानी होगी आधुनिक तकनीकें : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

दो दिवसीय कृषि मेला संपन्न, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब व अन्य प्रदेशों के करीब 52 हजार किसानों ने कराया पंजीकरण

हिसार  9 सितंबर  रवि पथ :

दिनों-दिन गिरता भूमिगत जल स्तर चिंता का विषय है। ऐसे में इसके संरक्षण के लिए अन्नदाता को आधुनिक तकनीकों को अपनाना होगा तभी आने वाली पीढिय़ों के लिए जल सुरक्षित बचेगा। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहे। वे विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित दो दिवसीय कृषि मेला(रबी)के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल की महत्ता को देखते हुए इस बार कृषि मेले का थीम भी जल संरक्षण रखा गया ताकि किसानों को इसके लिए प्रेरित किया जा सके। इस मेले में ऐसी तकनीकों को प्रदर्शित किया गया जिसके माध्यम से किसानों को जल संरक्षण के बारे में जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसान और कृषि वैज्ञानिक एक दूसरे के पूरक हैं। जब तक वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तकनीक किसानों तक नहीं पहुंचेगी और किसान उसका उपयोग करने के बाद उसकी खामियां व समस्याएं नहीं बताएंगे तब तक वह अनुसंधान सफल नहीं होगा। इस प्रकार किसान व वैज्ञानिक का यह चक्र चलता रहेगा और नित नई तकनीकें ईजाद होती रहेंगी। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि दो साल बाद आयोजित इस कृषि मेले में इतनी भारी संख्या में किसानों का पंजीकरण यह साबित करता है कि किसानों व विश्वविद्यालय का अटूट रिश्ता है। यही कारण है कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक निरंतर किसानों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और उनके लिए विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों व आधुनिक तकनीकों को विकसित कर रहे हैं। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालय से जुडक़र यहां की विकसित तकनीकों व उन्नत किस्मों का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। मेले के दौरान करीब 52 हजार किसानों ने पंजीकरण कराया।
किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद है कृषि मेला : डॉ. प्रियंका सोनी
जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने एचएयू के दो दिवसीय कृषि मेले के दूसरे दिन अपने भ्रमण के दौरान कहा कि कृषि मेला किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी है। इसलिए अधिक से अधिक संख्या में यहां आकर किसानों को आधुनिक तकनीकों, कृषि उपकरणों व विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों की जानकारी हासिल करनी चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को इस भव्य कृषि मेले के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
ये भी रहे मौजूद
दो दिवसीय कृषि मेले में विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा, कुलपति के ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, कुलसचिव डॉ. राजवीर सिंह, अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत, संयुक्त निदेशक डॉ. कृष्ण यादव सहित विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, कर्मचारी व विद्यार्थी मौजूद रहे।