सम्मान का प्रतीक थाली, ताली अब बनी रोष प्रकट करने का माध्यम
उकलाना की अनाज मंडी में आढ़तियों ने ताली और पीपे बजाकर किया प्रदर्शन
उकलाना रवि पथ, 21 अप्रैल
कोरोना जैसी महामारी के बीच देश के प्रधानमंत्री ने लोक डाउन से पहले जनता कर्फ्यू का आह्वान किया जिसमें देश के लोगों ने खूब समर्थन किया। उसके बाद प्रधानमंत्री के कहने पर कोरोना के योद्धाओं के लिए ताली थाली और घंटी बजाई गई जो अपने आप में सम्मान का प्रतीक थी, लेकिन अभी वह सम्मान का प्रतीक रोष प्रकट करने का माध्यम बन चुकी है। उकलाना की अनाज मंडी में दूसरे दिन चल रही आढ़तियों की हड़ताल में आढ़तियों ने ताली और खाली पीपे बजा कर अपना रोष प्रकट किया।
पहले जो ताली कभी सम्मान के लिए बजती थी अब वहीं ताली रोष प्रकट करने का माध्यम बन चुकी है।
उकलाना आढ़ती एसोसिएशन के सदस्य राजेश धतरवाल ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती और गेहूं की खरीद पुरानी पद्धति के हिसाब से नहीं करती तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
उकलाना अनाज मंडी में किसानों ने हरियाणा सरकार, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के मुर्दाबाद के नारे लगाए।
किसान रामकिशन ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि जब वोट लेने का समय होता है तब तो उन्हें किसान दिखाई देते हैं, लेकिन अब उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत प्रभाव से आढ़तियों की बात माननी चाहिए और किसानों की गेहूं की खरीद करनी चाहिए। किसान ने यह भी कहा कि अगर समय रहते दुष्यंत चौटाला ने किसानों की संभाल नहीं ली तो अगली बार पार्टी को भारी नुकसान भुगतना पड़ेगा।