आमजन को बेहतन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए : उपायुक्त

November 3, 2020

आमजन को बेहतन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाए : उपायुक्त

हिसार, 03 नवंबर  रवि पथ :

क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर आज लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में संबंधित विभागों की एक बैठक बुलाई गई, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने की। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा, एएसपी उपासना, सीएमओ डॉ. रत्ना भारती भी उपस्थित थी। क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को हरियाणा में 25 जनवरी 2018 को लागू किया गया था। इसके तहत 50 या इससे अधिक बैड के अस्पतालों को एक साल की अवधि में पंजीकरण करवाना जरूरी किया गया था। एक्ट में अस्पतालों की विभिन्न सेवाओं में पारदर्शिता को लेकर कई प्रकार के प्रावधान किए गए हैं। क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में अस्पताल, डायग्रोस्टिक सेंटर, नर्सिंग होम्स तथ क्लीनिक इत्यादि की जवाबदेही को तय किया गया है। एक्ट के मापदंडों की उल्लंघना पर अस्पताल के पंजीकरण को रद्द करने से लेकर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। हिसार में अभी तक 20 अस्पताल पंजीकृत हो चुके हैं। बैठक के दौरान इन 20 अस्पतालों के पंजीकरण के नवीनीकरण तथा 6 लैब को पंजीकृत किए जाने के मामलों पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने निर्देश दिए कि सभी संबंधित विभाग इस बात को सुनिश्चित करें कि पंजीकृत अस्पतालों द्वारा एक्ट के मापदंडों का पालन किया जा रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के जो भी संस्थान एक्ट के दायरे में आते हैं, उनका पंजीकरण करवाया जाए ताकि आमजन को निर्धारित दरों पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो और स्वास्थ्य संस्थानों की जवाबदेही तय हो।


इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह भी सुनिश्चित किया जाए कि विभिन्न प्रकार के टेस्ट करने वाली लैब का स्टॉफ सरकार के नियमों के अनुरूप क्वालिफायड हो। इससे रिपोर्ट के परिणाम को लेकर भ्रांतियां नहीं होंगी। सरकार के नियमों के विरूद्घ चलने वाली लैब के संचालकों के विरूद्घ कार्रवाई को भी सुनिश्चित किया जाए। वर्ष में नियमित रूप से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा लैब का निरीक्षण किया जाना चाहिए। क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को प्रभावी रूप से लागू करने में पुलिस की और से हर संभव सहयोग दिया  जाएगा