बरवाला, हिसार, उकलाना, नारनौंद तथा आदमपुर क्षेत्र के किसानों को मिली 5 प्रयोगशालाओं की सौगात।

August 12, 2021

बरवाला, हिसार, उकलाना, नारनौंद तथा आदमपुर क्षेत्र के किसानों को मिली 5 प्रयोगशालाओं की सौगात।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से 40 लघु मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का किया उद्ïघाटन।

हिसार, 12 अगस्त  रवि पथ :

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को प्रदेश के विभिन्न 14 जिलों की 40 लघु मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया। इन प्रयोगशालाओं के निर्माण कार्यों पर 5 करोड़ 32 लाख 21 हजार रुपये की धनराशि खर्च की गई है। इस अवसर पर स्थानीय लघु सचिवालय में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में बरवाला के विधायक जोगीराम सिहाग एवं उपायुक्त डॉ प्रियंका सोनी ने हिसार की भी 5 प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया। इन प्रयोगशालाओं के निर्माण कार्यो पर 73.50 लाख रुपये की लागत आई है।
विधायक जोगी राम सिहाग ने कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले के विभिन्न 5 क्षेत्रों बरवाला, हिसार, उकलाना, नारनौंद तथा आदमपुर के किसानों को मृदा परीक्षण की सुविधा मिलेंगी। लघु मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के बनने से किसानों को अपने निकटस्थ स्थानों पर मिट्टी जांच की सुविधा मिलेगी। इससे किसान अपने खेत में सीमित मात्रा में रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशकों का प्रयोग कर सकेंगे। किसानों की कृषि लागत में कमी आएगी और अनाज की पैदावार में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के कल्याणार्थ विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों को प्रभावशाली ढंग से लागू किया जा रहा है। सरकार की स्वामित्व योजना, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन मेें अधिकारियों की भी अहम भूमिका होती है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों में आयोजित किए गए उद्घाटन समारोह में उपस्थित सांसदों, विधायकों एवं अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में 75 लाख एकड़ कृषि योग्य भूमि है। उन्होंने कहा कि 25 लाख एकड़ भूमि की प्रति वर्ष इन प्रयोगशालाओं में जांच करके आगामी 3 वर्ष के दौरान प्रदेश की समस्त कृषि योग्य भूमि की जांच करने का लक्ष्य रखा गया है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों को लक्ष्य की प्राप्ति के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करना होगा। किसानों को मिट्टी की जांच के उपरांत रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के प्रयोग करने में मदद मिलेगी तथा इससे भूमि की उपजाऊ शक्ति भी बरकरार रहेगी।
उन्होंने कहा कि स्कूलों एवं महाविद्यालयों मेंं भी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। स्कूलों में 10वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी तथा महाविद्यालयों में विज्ञान के विद्यार्थी प्रयोगशालाओं में मृदा परीक्षण का कार्य कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को परंपरागत फसलों के साथ-साथ ऑर्गेनिक खेती की ओर विशेष ध्यान देना होगा ताकि वे अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश को अब क्वालिटी एवं क्वांटिटी में बढ़ोतरी करनी है। कार्यक्रम को कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर उपायुक्त डॉ प्रियंका सोनी, अतिरिक्त उपायुक्त स्वप्निल रविंद्रा पाटिल, कृषि विभाग के उपनिदेशक विनोद कुमार फोगाट, जिला राजस्व अधिकारी बिजेंद्र भारद्वाज सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।