किसानों की समस्या को अपनी समस्या मानकर खोजना होगा समाधान- प्रोफेसर बीआर काम्बोज

August 11, 2021

किसानों की समस्या को अपनी समस्या मानकर खोजना होगा समाधान- प्रोफेसर बीआर काम्बोज

किसान गोष्ठी में किसानों से रूबरू हुए कुलपति

हिसार 11 अगस्त  रवि पथ :

किसानों की समस्याओं  का निदान करना प्रत्येक कृषि वैज्ञानिक का दायित्व है। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों को सदैव तत्पर रहना होगा। समाज के सभी वर्गों को किसान की समस्या को अपनी समस्या मानकर उसका समाधान खोजना होगा। ये विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बीआर काम्बोज ने कहे। वे एक किसान गोष्ठी के दौरान बोल रहे थे। गोष्ठी का आयोजन विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशालय, अनुसंधान निदेशालय, कपास अनुभाग, कृषि विज्ञान केंद्र व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
कुलपति प्रोफेसर बीआर काम्बोज ने कहा कि इस बार लगातार विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम फील्ड में जाकर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए जुटी हुई है ताकि किसानों को गत वर्षों की भांति कम से कम समस्याओं का सामना करना पड़े। इसके अलावा राज्य सरकार व माननीय कृषि एवं किसान कल्याण मन्त्री जय प्रकाश दलाल भी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर लगातार किसानों की समस्याओं को लेकर विचार विमर्श कर रहे हैं और भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। गोष्ठी का विषय ‘कपास के उत्पादन व बचाव की उन्नत तकनीक’ रखा गया था। उन्होंने कहा कि कपास की फसल में बेहतर उत्पादन के लिए कीट व रोगों का एकीकृत प्रबंधन जरूरी है। इसके लिए समय-समय पर वैज्ञानिकों द्वारा फसलों संबंधी जारी हिदायतों व सलाह का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी किसानों के खेत में जाकर उनकी समस्याओं को लेकर मौके पर ही जानकारी मुहैया करवा रहे हैं। किसान गोष्ठी के बाद गांव दरियापुर में किसानों की फसलों का जायजा लिया गया, जहां विश्वविद्यालय की ओर से प्रदर्शनी प्लांट लगाए गए हैं। इसके अलावा पोधारोपण भी किया गया।

विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा ने कृषि वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे किसानों के साथ मिलकर समय-समय पर उनकी समस्या के निदान के लिए जुटे रहें। अनुसंधान निदेशक डॉ. एसके सहरावत ने कहा कि कपास हरियाणा प्रदेश की एक महत्वपूर्ण नगदी फसल है। इसलिए किसानों को इस फसल में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली सलाह व कीटनाशकों को लेकर की गई सिफारिशों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान डॉक्टर अनिल यादव, डॉक्टर ओमेंद्र सांगवान, सस्य वैज्ञानिक डॉ. करमल मलिक, कीट वैज्ञानिक डॉ. अनिल जाखड़ व पौध रोग विशेषज्ञ डॉ. मनमोहन सिंह ने कपास की फसल की अधिक पैदावार हासिल करने के लिए अपनाई जाने वाली सस्य क्रियाओं, बीमारियों व कीटों के प्रति जागरूक करते हुए अपने व्याख्यान दिए। किसान गोष्ठी के दौरान किसान अपने खेतों से बीमारी से खराब हुई फसल को जड़ से उखाड़ कर लाए और कृषि वैज्ञानिकों से समस्या का समाधान जाना। वैज्ञानिकों ने भी तुरंत किसानों को उचित सलाह देकर उनके सवालों के जवाब दिए। वैज्ञानिकों ने किसानों को वर्तमान समय में कपास की फसल में आ रही समस्या थ्रिप्स, दीमक, फल झडऩा, समय से पहले फल उठाना, हरा तेला, जड़ ग्लन, पीलापन, अचानक फसल खराब होना आदि समस्याओं के प्रति भी जागरूक किया। कार्यक्रम में कृषि उपनिदेशक डॉक्टर आत्मा राम गोदारा, कृषि विज्ञान केंद्र के संयोजक डॉक्टर उमेश शर्मा, डॉक्टर सुनील ढांडा, डॉक्टर सूबे सिंह सहित अनेक वैज्ञानिक, क्षेत्र के कई गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया।