एसएलसी के फरमान को सरकार ने वापस नहीं लिया तो प्रदेश के हजारों निजी स्कूल करेगें आंदोलन

June 22, 2020

एसएलसी के फरमान को सरकार ने वापस नहीं लिया तो प्रदेश के हजारों निजी स्कूल करेगें आंदोलन
-सरकार को दिया 25 जून तक का अल्टीमेटम, सड़कों पर उतरेंगे हजारों प्राइवेट स्कूल संचालक- सत्यवान कुंडू
22 जून हिसार रवि पथ
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने बिना एसएलसी के सरकारी स्कूलों में दाखिला देने का फरमान जारी करने के निर्देशों को असंवैधानिक, गैरकानूनी व आधारहीन करार दिया हैं। इसके विरोध में प्रदेश भर में कई बैठकों के दौरान प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधियों ने एकमत होकर निर्णय लिया कि सभी प्राइवेट स्कूल 25 जून तक जिला स्तर पर व सभी ब्लॉक लेवल पर खंड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, उपमंडल अधिकारी, उपायुक्त महोदय, एमएलए और सभी सांसदों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। इसी कड़ी में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, भूतपूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा, मंत्री अनूप धानक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, पूर्व शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा, जजपा प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह, बरवाला के विधायक जोगीराम सिहाग, टोहाना के विधायक देवेंद्र बबली, हांसी के विधायक विनोद भयाना, करनाल के एमपी संजय भाटिया, भाजपा संगठन मंत्री सुरेश भ_, घरौंडा के विधायक हरविंदर कल्याण और हरियाणा में कई जिलों के शिक्षा और प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है। अगर सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती तो 25 जून को हरियाणा के तमाम साथियों को एकत्र कर संघर्ष का बिगुल बजाया जाएगा ।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि सरकार के इस आदेश के बाद प्रदेश के हजारों स्कूलों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले कहा था कि अप्रैल-मई और जून की फीस कोरोना काल के बाद लेनी है और अब सरकार ने यह आदेश कि यदि प्राइवेट स्कूल एसएलसी नहीं देंगे तो 15 दिन के बाद खुद ही एसएलसी जारी मान लिया जाएगा और सरकारी स्कूल में बच्चे का एडमिशन हो जाएगा। इससे स्कूलों को पिछले तीन महीनों की फीस के साथ-साथ पिछले साल का बकाया भी नहीं मिल पाएगा और प्राइवेट स्कूलों की व्यवस्था चलानी बहुत मुश्किल हो जाएगी। कुंडू ने कहा कि प्रदेश भर के प्राइवेट स्कूलों में 10 से 12 लाख की संख्या में अध्यापक, नॉन टीचिंग स्टाफ, ड्राइवर, कंडक्टर और दूसरे संबंधित व्यक्ति भी जुड़े हुए हैं और जिनके परिवारों के लगभग 45 लाख सदस्य हैं जिनकी रोजी-रोटी भी छीनी जा रही है। सरकार के इस तुगलकी फरमान के बाद स्कूल चलाना बहुत मुश्किल हो जाएगा और लाखों लोगों की रोजी रोटी पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा। हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेश संरक्षक तेलु राम रामायण वाला ने कहा कि करोना कॉल में प्राइवेट स्कूल संचालकसरकार से यह आस लगाए बैठे थे कि सरकार उन्हें भी आर्थिक सहायता व आर्थिक पैकेज देगी, लेकिन इसके बदले सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के साथ बहुत बड़ा कुठाराघात किया है, जोकि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी बसों की ईएमआई देनी पड़ रही है। वहीं पासिंग के खर्चे और जो लोगों ने लाखों और करोड़ों रुपए कर्ज लेकर स्कूल की व्यवस्था चला रखी है, आज उनका ब्याज देना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं लगभग 4 या 5 महीने की अध्यापकों की सैलरी भी अभी नहीं दे पाए हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध यिका कि स्कूलों को उनकी प्लेज मनी निकालने की छूट दी जाए ताकि स्कूल स्टाफ का रुका हुआ वेतन दिया जा सके। कुंडू ने कहा कि स्कूलों के एमआईएस पोर्टल को लॉगिन करते समय स्कूल मुखिया के पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर ओटीपी आना चाहिए तथा वो ओटीपी डालकर ही लॉगिन होना चाहिए, नहीं तो विभाग बिना स्कूल की अनुमति के लॉगिन करके रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ कर सकता है, जिससे विद्यालय की गोपनीयता का हनन हो सकता है। प्रदेश प्रेस प्रवक्ता विनय वर्मा व शैलेंद्र शास्त्री ने कहा कि सरकार को प्राइवेट स्कूलों के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान करना चाहिए और नियम 134ए का चार वर्षो का बकाया शीघ्र अति शीघ्र भुगतान करना चाहिए, जिससे स्कूल संचालक अपने अध्यापकों की सैलरी दे सकें।