दिव्यांग बच्चों को दक्ष करने के लिए सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों के अध्यापकों को भी किया जाएगा प्रशिक्षित : उपायुक्त

February 22, 2021

दिव्यांग बच्चों को दक्ष करने के लिए सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों के अध्यापकों को भी किया जाएगा प्रशिक्षित : उपायुक्त

श्रवण एवं वाणी नि:शक्त जनकल्याण केन्द्र में 6 दिवसीय भारतीय सांकेतिक भाषा कार्यशाला आरंभ

हिसार, 22 फरवरी रवि पथ :

उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को उनकी विशेष जरूरतों के अनुरूप आरंभिक अवस्था से ही दक्ष करने के लिए सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों के अध्यापकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। सोमवार को श्रवण एवं वाणी नि:शक्त जनकल्याण केन्द्र में 6 दिवसीय भारतीय सांकेतिक भाषा कार्यशाला का उद्घाटन करने उपरांत अपने संबोधन में उन्होंने यह बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी कुलदीप सिहाग ने की। उपायुक्त ने कहा कि श्रवण एवं वाणी नि:शक्त जनकल्याण केन्द्र में जल्द ही 5 वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों के लिए आधारम नाम से अलग से एक केंद्र स्थापित किया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा कि जिले में लगभग 10 हजार दिव्यांग बच्चें व युवा हैं, जिन्हें प्रभावी रूप से मुख्यधारा में लाने के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसमें शिक्षा विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। बच्चों के भाषा संबंधी संवाद विषय पर उपायुक्त ने कहा कि सांकेतिक भाषा के क्षेत्र में और अधिक बेहतर प्रशिक्षण कार्य आरंभ किए जाएं। उन्होंने अध्यापकों से अपील की कि वे स्कूलों मे बेसिक तौर पर इस भाषा को सिखाएं ताकि मूक व बधिर बच्चे मुख्य धारा में शामिल हो सकें।


कार्यक्रम के दौरान केंद्र के निदेशक सुबोध कुमार दुबे ने कार्यशाला व स्कूल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह विद्यालय सन्ï 1981 से तीन बच्चों के साथ प्रारंभ हुआ था और इस केन्द्र में फिलहाल 167 बच्चें शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। केंद्र के निदेशक ने बताया कि सांकेतिक भाषा कार्यशाला का आयोजन 27 फरवरी तक किया जा रहा है। इसमें शिक्षा विभाग के 9 खंडों से 31 पीटीआई अध्यापकों को सांकेतिक भाषा की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे विद्यालय मे जाकर सांकेतिक भाषा बारे बच्चों को जागरूक कर सकें। कार्यक्रम के दौरान केंद्र के अध्यापक अंकित ने सांकेतिक भाषा के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। कार्यशाला का संचालन अनुवादक विशाल ने किया। इस मौके पर स्कूल की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में निहाल सिंह सैनी, मास्टर ताराचंद अभिभावक व स्कूल के बच्चों सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।