छठी से नहीं, बल्कि प्ले व प्राइमरी से खोले जाएं स्कूल- कुंडू

January 20, 2021

छठी से नहीं, बल्कि प्ले व प्राइमरी से खोले जाएं स्कूल- कुंडू

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने उठाई मांग, मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को लिखा पत्र

चंडीगढ़ 20 जनवरी रवि पथ :

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने प्रदेश सरकार द्वारा एक फरवरी से छठी से आठवीं तक स्कूल खोले जाने संबंधी निर्णय का स्वागत किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को पत्र लिखकर मांग उठाई है कि स्कूलों को प्ले व प्राइमरी से लेकर सभी कक्षाओं तक नियमित रूप से खोला जाए ताकि पिछले करीब दस माह से पढ़ाई से दूर बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू, प्रांतीय महासचिव पवन राणा व अशोक कुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष रणधीर पूनिया, संजय धत्तरवाल व सतीश वर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर टीकाकरण अभियान पूरे देश में शुरू हो चुका है। वहीं कोरोना संक्रमण भी लगभग सभी जगहों से समाप्त हो गया है। इसके मध्यनजर सरकार ने राजनीतिक रैलियों, जिम, सिनेमाघर, रोडवेज सहित विभिन्न स्थानों को पूरी तरह से खोल दिया है। ऐसे में कोरोना का बहाना बनाकर केवल स्कूलों को सीमित रूप से खोलने की अनुमति कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के 50 प्रतिशत से भी ज्यादा बच्चे पढ़ाई से वंचित है, क्योंकि हर बच्चे के लिए घर पर स्थाई फोन की सुविधा नहीं है। इसके चलते बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि अभिभावक भी लगातार स्कूल खोलने की मांग रहे हैं। संघ नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को स्कूल खोलने की परमिशन दे दी गई है, जिसके तहत पंजाब सहित कई राज्यों ने स्कूल खोल दिए हैं।

लेकिन हरियाणा में अभी तक इसपर कोई फैसला नहीं लिया गया है। संघ नेताओं ने एग्जिस्टिंग स्कूलों की सूची जारी करने की भी मांग की। वहीं संघ के प्रांतीय संरक्षक तेलुराम रामायणवाला ने कहा कि पिछले 11 महीनों से प्राइवेट स्कूलों की बसें खड़ी है। ऐसे में इन बसों का टैक्स वसूलना और उनपर जुर्माना लगाना सरकार का तानाशाही रवैया दर्शाता है। सरकार के आदेशानुसार बसें चलाने के आदेश ही नहीं थे तो स्कूल बसों का टैक्स किसलिए लिया जा रहा है। इसलिए जब तक पूर्ण रूप से बसें नहीं चलती, तब तक इन बसों का टैक्स माफ किया जाए और अगर किसी स्कूल संचालक ने टैक्स भर भी दिया है तो उसका पैसा वापस किया जाए।