गरीब अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन न होने से प्रभावित हो रही बच्चों की पढ़ाई- सत्यवान कुंडू

गरीब अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन न होने से प्रभावित हो रही बच्चों की पढ़ाई- सत्यवान कुंडू

 स्कूल न खोलने की स्थिति में बच्चों को फोन की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग

9 जून रवि पथ :

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद होने के कारण गरीब परिवारों के बच्चों की प्रभावित हो रही पढ़ाई पर गहरी चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही संघ ने मांग की है कि बच्चों की पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए कोविड 19 के नियमों की पालना करते हुए स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाए। वहीं अगर सरकार स्कूल खोलना उचित नहीं समझती है तो गरीब व जरूरतमंद परिवारों को स्मार्ट फोन व उन्हें रिचार्ज कराने का खर्च वहन करे ताकि बच्चे निर्बाध रूप से अपनी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रख सके।
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू, महासचिव अशोक रोहतक व उमेश भारद्वाज बवानीखेड़ा, प्रांतीय उपप्रधान घनश्याम शर्मा भिवानीव बलराज मुवाल हांसी, कानूनी सलाहकार गौरव भुटानी टोहाना, प्रदेश प्रवक्ता शैलेंद्र शास्त्री करनाल व कोषाध्यक्ष भूपेंद्र कैथल ने कहा कि कोरोना काल के चलते लंबे समय तक स्कूलों के बंद रहने से जहां बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है, वहीं हजारों निजी स्कूल भी बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। बच्चे व अभिभावक भी स्कूल खुलवाना चाहते हैं और इसके लिए बार बार स्कूल संचालकों के पास फोन आ रहे हैं। बच्चों के घरों पर रहने के कारण उनके शिक्षा के स्तर में काफी गिरावट आ गई है। ग्रामीण क्षेत्र में तो कई अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन की उपलब्धता बच्चों के लिए संभव नहीं है। बहुत से गरीब परिवार ऐसे हैं, जिनके पास समय पर रिर्चा कराने के लिए भी पैसे नहीं है। वहीं ऑनलाइन माध्यम से मिलने वाली शिक्षा किसी भी रूप में कक्षा में मिलने वाली शिक्षा की बराबरी नहीं कर सकती।


संघ के अध्यक्ष कुंडू ने कहा कि प्रदेश में कोविड 19 का प्रभाव भी काफी हद तक कम हो गया है व रेल, बस, दुकानें, बाजार और मॉल सहित सभी सेवांए शुरू हो गई है, लेकिन स्कूलों का नया सत्र भी अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इसके कारण स्टाफकी सैलरी भी अभी तक नहीं दे पाएं हैं, क्योंकि अभिभावक स्कूल खुलने के बाद ही फीस देना चाहते हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि स्कूलों को कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए स्कूल खोलने की इजाजत दी जाए। अगर सरकार स्कूल खोलना ही उचित नहीं मानती तो अध्यापकों की सैलरी एवं गरीब अभिभावकों को स्मार्ट फोन व उनके रिचार्ज का खर्च सरकार वहन करे। इसके साथ ही जब तक स्कूल नहीं खुलते, उनके बिजली बिल, बसों का टैक्स व बीमा माफ किया जाए।