आंदोलन में पहुंचे युवा मासूमों को उपलब्ध करा रहे बेसिक शिक्षा

February 11, 2021

आंदोलन में पहुंचे युवा मासूमों को उपलब्ध करा रहे बेसिक शिक्षा

सावित्रीबाई फूले पाठशाला में अब तक 90 बच्चे करा चुके हैं पंजीकरण

रोजाना दो पालियों में पढ़ाई करते हैं बच्चे, पाठ्य सामग्री भी निशुल्क दी

गाजियाबाद, 11 फरवरी रवि पथ :

नए कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर ढाई माह से चल रहे आंदोलन में किसान डटे हुए हैं। जहां एक और किसान मंच से आंदोलनकारी लगातार कृषि कानूनों की कमियों को गिनाते सरकार के खिलाफ हमलावर हैं वहीं दूसरी ओर किसान आंदोलन स्थल के आसपास की कॉलोनियों में रहने वाले गरीब बच्चों को पढ़ाने में भी जुटे हुए हैं। आसपास की कालोनियों में रहने वाले यह बच्चे आंदोलन स्थल पर चल रहे भंडारों में खाने पीने और प्लास्टिक वेस्ट जैसी पानी की खाली बोतलें बीनने के लालच में पहुंचते हैं। लेकिन आंदोलन के समर्थन में गाजीपुर बार्डर पर डटे युवाओं ने इन बच्चों के लिए एक पाठशाला चलाई हुई है। सावित्रीबाई फूले के नाम से चल रही इस पाठशाला का संचालन भूपेंद्र यादव कर रहे हैं।

भूपेंद्र यादव ने बताया कि आंदोलन स्थल पर बड़ी संख्या में गरीब-मजदूरों के बच्चे एक समय के भोजन के लालच में पहुंचते हैं। आंदोलन के लिए चल रही लंगर सेवा में सुबह से शाम तक ऐसे कुछ खाते-पीते देखे जा सकते है। सेवादार इन्हें खाना देकर खुद को गौरवान्वित महसूस करते है। इन नन्हें-मुन्नों को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए भूपेंद्र ने अपने साथियों के साथ सावित्रीबाई फुले के नाम से एक पाठशाला का संचालन शुरू किया। हम बाकायदा यहां आने वाले बच्चों का रजिस्ट्रेशन करते हैं। अब तक इस अस्थाई पाठशाला में 90 बच्चे अपना रजिस्ट्रेशन करा चुुके हैं। इन बच्चों को रोजाना दो पालियों में पढ़ाया जाता है। पहली पाली सुबह 11:00 बजे से 1:00 बजे तक चलती है दूसरी पाली और अपरान्ह 3 से 5 बजे तक।

सावित्रीबाई फूले पाठशाला में बच्चों को न केवल निशुल्क पढ़ाया जाता है बल्कि यहां आने वाले सभी बच्चों को निशुल्क पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है। नव वर्ष के मौके पर एक जनवरी को आंदोलन स्थल पर इस पाठशाला की शुरूआत की गई थी। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढकर 90 तक पहुंची है। उपेंद्र यादव ने बताया कि मेरा और मेरे साथियों का उद्देश्य गरीब बच्चों को बेसिक शिक्षा उपलब्ध कराने का है। उन्होंने बताया कि जब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा तब तक हम यहां झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराते रहेंगे।