शराब माफिया का सरगना और कोई नहीं खुद आबकारी मंत्री है: अभय सिंह चौटाला

August 30, 2020
  • शराब माफिया का सरगना और कोई नहीं खुद आबकारी मंत्री है: अभय सिंह चौटाला

राईट टू रिकाल अगर लागू हो जाए तो मुख्यमंत्री और मंत्री सबसे पहले लोगों का शिकार बनेंगे।

चंडीगढ़ 30  अगस्त रवि पथ :

इनेलो के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय चौटाला ने रविवार को चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि शराब माफिया का सरगना और कोई नहीं खुद आबकारी मंत्री है जिसकी पार्टी का उप प्रधान इस घोटाले में पकड़ा गया था। उसने इनकी पार्टी से चुनाव भी लड़ा था। शराब घोटाले की जानकारी मुख्यमंत्री के सामने आई कि गोदामों से शराब की बोतलें चोरी कर के बेची गई हैं। एसइटी की रिर्पोट आने के बाद भी इस घोटाले से जुड़े किसी पर भी कार्यवाई नहीं की गई इसका मतलब मुख्यमंत्री भी इसमें शामिल हैं।

पत्रकारों द्वारा सरकार में आपस के तालमेल पर पुछे गए प्रश्न के जवाब में उन्होने कहा कि तालमेल वहां होता है जहां सरकार हो यहां तो प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। उन्होने हैरानी जताते हुए कहा कि शराब का घोटाला हुआ है ये सभी को पता है। मु य मंत्री ने शराब घोटाले की जांच के लिए एसइटी बनाई, जब इसकी रिर्पोट आई तो आबकारी मंत्री ने सभी को कलीन चीट दे दी, ग्रह मंत्री ने आगे इसकी जांच विजीलेंस को सौंप दी। इससे साफ दिखाई देता है कि आपस में काई तालमेल नहीं है।

सरकार के मंत्री द्वारा नारनौल की एसपी पर लगाए गए आरोप के बारे में कहा कि अगर जांच में मंत्री द्वारा लगाए गए आरोप सही मिलते हैं तो एसपी के खिलाफ स त कार्यवाई करते हुए निलंबित किया जाए और अगर मंत्री ने कहीं एसपी पर कोई गल्त काम करने का दबाव बनाया है तो मंत्री को तुरंत बर्खास्त करके उसके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने की धारा लगा कर एफआइआर दर्ज की जानी चाहिए। उन्होने कहा कि जो स्वतंत्रता अधिकारियों को उनका काम करने की मिलनी चाहिए वो इस सरकार में नहीं है। अगर अधिकारी पर सरकार भरोसा नहीं करेगी तो अधिकारी भी सरकार के आदेशों की पालना नहीं करेंगे।

दलित-जाट के जोड़ के सवाल पर इनेलो नेता ने कहा कि हरियाणा में सत्रह सीट रिजर्व कैटेगरी की हैं और दलितों का चाहे चमार समाज से हो, चाहे धानक समाज से हो और चाहे बाल्मीकि समाज से हो सबने हमेशा इनेलो को चुनाव में जीत दिलवाने का काम किया है। भाजपा नें हमेंशा ३५ और ३६ जात को लड़वाया है लेकिन हमने ३६ बिरादरी को अपने साथ खड़ा करना है और इसकी शुरूआत हो चुकी है।

राईट टू रिकाल पर उन्होने कहा कि ये झूठ बोल कर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। इनका बिल तो केवल पंचायत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए है अगर गांव के पचास प्रतिशत से ज्यादा लोग लिख कर देते हैं तो चुनाव दोबारा होगा। राईट टू रिकाल का नारा तो ताऊ देवीलाल ने दिया था जिसमें उन्होने कहा था कि अगर कोई एमपी या एमएलए अपना काम सही तरीके से नहीं करता तो उसको वापिस बुलाने का अधिकार जनता के पास होना चाहिए। उन्होने कहा कि राईट टू रिकाल अगर लागू हो जाए तो मुख्यमंत्री और मंत्री सबसे पहले लोगों का शिकार बनेंगे।