शारीरिक, मानसिक तथा समाजिक स्थिति के चलते जीवन में लड़कियों का संघर्ष, लडक़ों से कई गुणा अधिक : जिला कार्यक्रम अधिकारी

February 9, 2021

शारीरिक, मानसिक तथा समाजिक स्थिति के चलते जीवन में लड़कियों का संघर्ष, लडक़ों से कई गुणा अधिक : जिला कार्यक्रम अधिकारी

पोषाहार अभियान के तहत विभिन्न गांवों में नुक्कड़ नाटक आयोजित

हिसार, 09 फरवरी रवि पथ :

बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है, यदि उन्हें भी बेटों के समान ही अवसर दिए जाएं तो वे बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर सकती हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस बात के अनेक उदाहरण सामने आए हैं, जहां बेटियों ने न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। जिले के विभिन्न गांवों में चलाए गए पोषाहार अभियान के तहत आयोजित नुक्कड़ नाटकों व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनीता दलाल ने अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि शारीरिक, मानसिक तथा समाजिक स्थिति के चलते लड़कियों को लडक़ों के मुकाबले कई गुणा संघर्ष करना पड़ता है, इसलिए माता-पिता अपनी बेटियों को शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाएं। इसके लिए बेटियों को सही पोषाहार देना बेहद जरूरी है। यदि वे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होंगी तो कोई भी चुनौती उनके रास्तों को नहीं रोक पाएगी।


पोषाहार अभियान के तहत गांव सरसाना, धीरणवास, कापड़ो, मिर्चपूर, खारा बरवाला, दड़ोली, मिर्जापूर पाना, मिर्जापूर, ढ़ाणी कुतुबपूर, खेड़ी गगन, ढ़ाणी गारण और गैबीपूर में नुक्कड़ नाटक किए गए। नाटक मंडली ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से बताया कि स्वास्थ्य जीवन का आधार होता है, इसलिए हमें स्वस्थ आहार का महत्व समझाना होगा। हम जो खाते हैं स्वास्थ्य उसी पर निर्भर करता है। जब हमारा खाना अच्छा होगा तो हमारी सेहत अपने आप अच्छी हो जाएगी। लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों में बताया कि कैसे मॉर्डन लाइफ स्टाइल के कारण खाने को लेकर हमारी पसंद बदल गई है जो हमें बीमार बनाती जा रही है। आज लोगों को हैल्दी फूड से ज्यादा जंक और फास्ट फूड पसंद है। इसके लिए आपको स्वस्थ आहार का महत्व जानने और समझने की जरूरत है। कार्यक्रम के दौरान ग्रामवासियों को नशे के शरीर पर पडऩे वाले दुष्प्रभाव और इसके कारण से होने वाली सामाजिक-आर्थिक हानि के बारे में भी बताया गया। इस अवसर पर संबंधित गांव की सुपरवाईजर, आंगनवाड़ी वर्कर-हैल्पर व गांव के पंच-सरंपच भी उपस्थित रहे।