पंजाब निकाय चुनाव से सबक ले सरकार, अकेला नहीं है अन्नदाता साथ खड़ा है मतदाता – दीपेंद्र हुड्डा

February 19, 2021

पंजाब निकाय चुनाव से सबक ले सरकार, अकेला नहीं है अन्नदाता साथ खड़ा है मतदाता – दीपेंद्र हुड्डा

सफल रेल रोको आंदोलन पर किसानों को हार्दिक बधाई

न रेल पटरी से उतरी, न आंदोलन

शांतिपूर्ण चक्काजाम व रेल रोको से साफ हो गया कि किसान न हिंसक है न विध्वंसक

 ये भी साबित हो गया कि लालकिले की घटना किसानों के साथ गंभीर षड्यंत्र का परिणाम थी

चंडीगढ़, 19 फरवरी रवि पथ :

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने किसानों को सफल रेल रोको आंदोलन की बधाई देते हुए कहा कि शांतिपूर्ण चक्काजाम व रेल रोको आंदोलन से साफ हो गया कि किसान न हिंसक है न विध्वंसक। न रेल पटरी से उतरी, न आंदोलन पटरी से उतरा। इस सफल आंदोलन से ये भी साबित हो गया कि लालकिले की घटना किसानों के साथ गंभीर षड्यंत्र का नतीजा थी। रेल रोको आंदोलन के दौरान किसान और जवान आमने सामने खड़े थे और दोनों एक दूसरे की मजबूरी समझ रहे थे। किसान की आंखों में जवान के प्रति पुत्रवत स्नेह का भाव था और जवान की आंखों में बुजुर्ग किसान के प्रति पिता के समान आदर था।

उन्होंने कहा कि पंजाब निकाय चुनाव में हुई बड़ी हार से भाजपा सरकार को सबक सीख लेना चाहिए। देश का अन्नदाता अकेला नहीं है, उसके साथ देश का मतदाता मजबूती से खड़ा है। चुनाव नतीजों से स्पष्ट हो गया है कि गांवों में ही नहीं, शहरी क्षेत्रों में भी मतदाताओं ने भाजपा की जन-विरोधी नीतियों को सिरे से नकारने का जनादेश दिया है। पंजाब में नगर निगम, नगर पालिका परिषद् और नगर पंचायतों के मतदाताओं ने भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। इससे पहले, हरियाणा में भी उप-चुनावों में जनता ने सत्ताधारी गठबंधन को करारी हार का स्वाद चखाया। अगर अब भी भाजपा सरकार के सिर से सत्ता का अहंकार नहीं उतरा तो पूरे देश के मतदाता उसे अपने वोट की चोट से सबक सिखा देंगे।

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा सरकार देश के किसानों की आवाज़ को हल्के में लेने की भूल न करे। किसान संविधान और लोकतंत्र के दायरे में शांति के साथ अपनी जायज मांग लेकर सरकार के दरवाजे पर आये हैं। पिछले 80 दिनों से ज्यादा समय बीतने के बावजूद वे धैर्य के साथ सरकार का इंतजार कर रहे हैं। कठिन परिस्थिति में संघर्ष करते हुए 200 से ज्यादा किसानों ने अपनी जान कुर्बान कर दी। लेकिन सरकार अपना अहंकार छोड़ने को तैयार नहीं हो रही। उन्होंने सरकार के उपेक्षात्मक रवैये पर दुःख प्रकट करते हुए प्रदेश व केंद्र सरकार से किसान आंदोलन में जान कुर्बान करने वाले किसानों के परिवारों को पर्याप्त आर्थिक मदद व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। ताकि उनकी देखभाल का जरिया बन सके। दीपेंद्र हुड्डा ने यह भी कहा कि यदि भाजपा सरकार ऐसा नहीं करेगी तो जिस दिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी, किसान आंदोलन में शहीद हुए हर किसान के परिवार के एक सदस्य को पंजाब की तर्ज पर सरकारी नौकरी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि हम सड़क से लेकर संसद तक और चौपाल से लेकर विधानसभा तक किसान के हक की लड़ाई मजबूती से लड़े !