एचएयू कर्मचारियों ने स्वेच्छा सेे हरियाणा कोरोना रिलीफ फण्ड में दिया दान

July 23, 2021

एचएयू कर्मचारियों ने स्वेच्छा सेे हरियाणा कोरोना रिलीफ फण्ड में दिया दान

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंपा एक करोड़ तीन लाख दो

हजार तीन सौ इक्कीस रूपये का चैक
कर्मचारियों ने मूल वेतन का स्वेच्छा से दिया 10 प्रतिशत दान

हिसार  24 जुलाई रवि पथ :

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कर्मचारियों ने स्वेच्छा से हरियाणा कोरोना रिलीफ फण्ड में दान दिया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को उनके चण्डीगढ़ स्थित कार्यालय में एक करोड़ तीन लाख दो हजार तीन सौ इक्कीस रूपये का चैक सौंपा। कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि एचएयू के शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों ने अपनी स्वेच्छा से अपने एक महीने के मूल वेतन का दस प्रतिशत हरियाणा कोरोना रिलीफ फण्ड में देने का निर्णय लिया था। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने गु्रप डी के कर्मचारियों से यह दान न लेने का फैसला लिया था, लेकिन गु्रप डी कर्मचारियों ने कुलपति महोदय से मिलकर उनके इस शुभ कार्य में स्वेच्छा से आहुति डालने का निर्णय लेते हुए एक दिन का वेतन दान कर दिया। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय ने जिले के छह गांवों को गोद लेकर उनमें कोरोना मेडिकल की अपू्रवड किट जिला स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से गांवों में भिजवाई। साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए कोरोना के समय जरूरतमंद पीडि़तों के लिए करीब 200 क्विंटल सूखी लकड़ी नगर निगम को सौंपी गई ताकि जरूरतमंद कोरोना मृतकों के परिजनों की सहायता हो सके और उनके परिजनों का अंतिम संस्कार किया जा सके।

इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर में कोरोना जांच शिविर व टीकाकरण शिविर आयोजित किए गए। विश्वविद्यालय के बाहरी केंद्रों पर भी इस प्रकार के कैंपों का आयोजन किया गया और अधिक से अधिक किसानों, युवाओं व महिलाओं को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया गया। गया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने कोरोना महामारी के समय जिला प्रशासन का भी भरपूर सहयोग किया और समय-समय पर कर्मचारियों की ड्यूटियां लगाई गई। इसके अलावा केंद्र व राज्य सरकार की ओर से जारी हिदायतों का विश्वविद्यालय में लगातार अनुसरण किया गया। इसी के चलते समय-समय पर विश्वविद्यालय परिसर को सेनेटाइज करवाया गया और लोगों को मास्क, सेनेटाइजेशन व सामाजिक दूरी के प्रति जागरूक किया गया।