राष्ट्रव्यापी न्याय मांग दिवस पर प्रदर्शन

October 29, 2020

राष्ट्रव्यापी न्याय मांग दिवस पर प्रदर्शन

हाथरस व बलभगढ़ के पीड़ित परिवार को दो

कैथल, दिनांक 29 नवम्बर 2020 रवि पथ :

राष्ट्रव्यापी न्याय मांगों दिवस की कड़ी में दलित अधिकार मंच,अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति, हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति, नगर पालिका कर्मचारी संघ संबंधित एस के एस व जनवादी संगठनों ने हाथरस व नीतिका बलभगढ़ के पीड़ितों को इंसाफ दीये जाने को लेकर नगर परिषद कार्यालय से पेहवा चौक तक प्रदर्शन किया। अध्यक्षता जगदीश कुमार ने की जबकि संचालन शिवचरण ने किया। प्रदर्शनकारियों को जनवादी महिला समिति की कोषाध्यक्ष शर्मिला पिलखन, एच जी वी एस के जिला अध्यक्ष सतपाल आनंद, एस के एस जिला प्रधान जरनैल सिंह,अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के जिला सचिव प्रेम चंद, सीटू नेता जयप्रकाश शास्त्री व छात्र नेता गोलू ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा दलितों व महिलाओं पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं जो शर्मसार करने वाले हैं। ऐसी घटनाएं यु पी सहित भाजपा शाषित राज्यों में ज्यादा घट रही हैं। सत्ताधारी पीड़ितों का पक्ष लेने की बजाय असमाजिक तत्वों को संरक्षण देने में लगे हुए हैं। ऐसे में पीड़ित पक्ष को या तो इंसाफ मिलता ही नही है या फिर देर तक संघर्ष करना पड़ता है।


देश भर में महिलाओं के साथ हिंसा की घटनाओं में निरंतर इजाफा हो रहा है ।आंकड़ों के अनुसार भारत में हर रोज 10 दलित महिलाओं के साथ बलात्कार होता है हाथरस त्रासदी के बाद बलरामपुर, आजमगढ़ ,बुलंदशहर और भारत के अन्य हिस्सों में दलित महिलाओं के साथ बलात्कार की भयावह खबरें आई है । इस तरह की तमाम घटनाओं से लिंग आधारित हिंसा को बढ़ावा मिलता है तथा अपराधियों को यह लगता है कि वह तो छुट्टे घूम सकते हैं। अभी 2 दिन पहले ही हरियाणा के बल्लभगढ़ में भी एक युवक द्वारा कॉलेज के गेट पर लड़की की बेरहमी से हत्या का मामला सामने आया है। यह मंच मांग करता हैं कि लिंग और जाति आधारित हिंसा के खात्मे के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।। मांग पत्र नायब तहसीलदार के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम सौंपा गया जिसमें निम्नलिखित मंगों को उठाया गया । फरीदाबाद के बलभगढ़ मे नीतिका के हत्यारों को सख्त सजा दी जाए तथा फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से दोषियों की समयबद्ध सजा सुनिश्चित की जाए व घटना का साम्प्रदायिकरण रोक जाए। हाथरस की घटना में पुलिस द्वारा समय पर कार्यवाही ना करना ,परिवार की सहमति के बिना और हड़बड़ी में लड़की का देर रात दाह संस्कार और यु पी सरकार के मंत्रियों तथा उच्च अधिकारियों द्वारा बलात्कार से बार-बार इनकार करने से राज्य में मशीनरी कि इस भयावह अपराध में सहभागिता ही उजागर होती है ।राज्य में हो रहे जातिगत और लिंग आधारित अत्याचारों के लिए मुख्यमंत्री पूरी तरह जिम्मेदार है और इसीलिए उन्हें पद से हटाया जाए ।भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को सीबीआई जांच की निगरानी करने का निर्देश दिया है हम मांग करते हैं कि जांच समय बद्ध तरीके से पूरी की जाए । लड़की के परिवार की सहमति और मौजूदगी के बिना लड़की का देर रात दाह संस्कार करने बल्कि इस अपराधिक प्रकरण में पूर्ण सहभागिता के लिए भारतीय दंड संहिता और sc-st अधिनियम के तहत पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों की समय बद्ध जांच और दोषियों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित की जाए। परिवार को एस सी एस टी अधिनियम के अनुसार सभी अधिकार प्रदान किए जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि वह किसी भी प्रकार की हिंसा का शिकार ना बने अथवा किसी भी प्रकार के सामाजिक बहिष्कार के पात्र न बने । यदि वे चाहे किसी अन्य स्थान पर रहने की जगह तथा परिवार को अनुकरणीय मुआवजा प्रदान किया जाए। धमकी देने वाले परिवार पर दबाव डालने वाले सभी व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए , इसमें वे लोग भी शामिल है जो घटना के कुछ दिनों बाद कैमरे पर पीड़ित परिवार को धमकाते हुए और आरोपियों का बचाव करते देखे गए थे ।जस्टिस वर्मा रिपोर्ट की सिफारिशों के क्रियान्वयन का जायजा लेने के लिए एक स्वतंत्र ,अधिकार संपन्न कमेटी का गठन किया जाए । पुलिस बल में जातीय और धार्मिक पूर्वाग्रहों के मुद्दों को हल करने के लिए बहुत समय से लंबित पुलिस संशोधनों को लागू किया जाए और अधिकारियों की जवाबदेही तुरंत प्रभाव से सुनिश्चित की जाए।