बर्खास्त पीटीआई के मामले पर सरकार से जवाब-तलबी करेंगे बलराज कुंडू।

November 5, 2020

जनहित के मुद्दों को लेकर विधानसभा में एक बार फिर गरजेगा महम चौबीसी का टाईगर।

बर्खास्त पीटीआई के मामले पर सरकार से जवाब-तलबी करेंगे बलराज कुंडू।

महम में लड़कियों के लिए कालेज नहीं खोले जाने पर शिक्षा मंत्री से मांगेंगे जवाब।

सरकार से पूछेंगे – 8 साल से प्रदेश में क्यों नहीं की जा रही जेबीटी टीचर्स की भर्ती ?, क्यों किया जा रहा है हमारे होनहार युवाओं का भविष्य बर्बाद 

चंडीगढ़, 5 नवम्बर रवि :

जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर अक्सर राज्य सरकार से टकराते रहने वाले हरियाणा की राजनीति के टाईगर कहे जाने वाले महम चौबीसी के विधायक बलराज कुंडू एक बार फिर गठबंधन सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में दिख रहे हैं।

हरियाणा विधानसभा के आज से शुरू होने वाले सत्र में बलराज कुंडू 3 बेहद महत्वपूर्ण मामलों को लेकर सरकार से सदन के अंदर जवाब चाहते हैं। वे जानना चाहते हैं कि उनके विधानसभा क्षेत्र महम में लड़कियों का अलग से कॉलेज खोलने बारे सरकार की क्या योजना है। दरअसल, विधायक बनते ही कुंडू ने महम के लोगों की डिमांड का जो लेटर सीएम मनोहर लाल खट्टर को सौंपा था उसमें महम में लड़कियों का कालेज खोलने की उनकी एक प्रमुख मांग थी जिस पर बार-बार पत्र लिखने के बावजूद अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है

इसके अलावा बलराज कुंडू कुछ महीने पहले सेवा से बर्खास्त किये गए 1983 पीटीआई के मामले पर भी सरकार से जवाब मांगेंगे कि आखिरकार सरकार ने बर्खास्त पीटीआई के परिवारों को बर्बाद होने से बचाने के लिए क्या कदम उठाए हैं ?

बेरोजगारी की मार झेल रहे H.tet पास लाखों युवाओं के मुद्दे पर भी कुंडू विधानसभा में सवाल जवाब करेंगे। दरअसल, करीब 8 साल से प्रदेश में जेबीटी टीचर्स की कोई भर्ती नहीं की गई है जिसके चलते उन असंख्य नौजवान लड़के-लड़कियों का करियर खराब होता जा रहा है जो योग्यता रखते हुए भी सरकारी नौकरी की राह तांक रहे हैं और इसी उम्मीद में काफी बच्चों की तो नौकरी की उम्र भी निकल चुकी है।

इसके अलावा 3 कृषि कानूनों के मामले में भी वे सरकार पर हमलावर रहेंगे। कुंडू दरअसल, पहले ही किसानों के मुद्दों पर लगातार सरकार के साथ उलझते रहे हैं और उन्होंने विधानसभा के पिछले दिनों चले 1 दिन के विशेष सत्र में भी प्राइवेट मेम्बर बिल लाते हुए खास तौर से कॉल-इन-मोशन लगाया था लेकिन उस पर कोई चर्चा नहीं हो पाई थी क्योंकि एग्रीकल्चर को सेंटर का विषय बताते हुए उसे सदन के पटल पर नहीं रखा गया था जबकि बलराज कुंडू का कहना था कि एग्रीकल्चर सेंटर का नहीं बल्कि संविधान के अनुसार स्टेट का सब्जेक्ट है और किसानों को बचाने के लिए राज्य सरकार को इन कानूनों में जरुरी संसोधन करने चाहिये।