बारिश ने फिर खोली बीजेपी सरकार के दावों की पोल- हुड्डा

July 31, 2021

बारिश ने फिर खोली बीजेपी सरकार के दावों की पोल- हुड्डा

जलभराव की समस्या से जूझ रहा है पूरा प्रदेश- हुड्डा

नदियां बनी गलियां, तालाब में तब्दील हुई सड़कें- हुड्डा

सरकार सुनिश्चित करे कि जलभराव से किसी किसान की फसल बर्बाद ना हो- हुड्डा

जलभराव की वजह से खराब हुई फसलों की गिरदावरी और मुआवजे का ऐलान करे सरकार- हुड्डा

चंडीगढ़  रवि पथ :

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बारिश ने एकबार फिर बीजेपी सरकार के तामाम विकास के दावों की पोल खोलकर रख दी है। उन्होंने कहा कि बारिश में सारे दावे और करोड़ों रुपये की लागत से बनी सड़कें पानी की तरह बह गये। प्रदेश का ऐसा कोई जिला नहीं बचा होगा जहां लोगों को बारिश के बाद सीवरेज जाम और जलभराव की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा हो। गुरुग्राम से लेकर पंचकूला और झज्जर से लेकर कैथल तक हर जगह सड़कें, गलियां, मकान, दुकान और वाहनों के जलमग्न होने की ख़बरें, तस्वीरें सामने आ रही हैं। फतेहाबाद, जींद, हिसार, महेंद्रगढ़ समेत कई जिलों की तस्वीरें देखकर लगता है कि गलियां नदियों में तब्दील हो गई हैं और सड़कें तालाब बन गई हैं।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जलभराव से सिर्फ आम जनजीवन ही नहीं बल्कि लोगों के कारोबार पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। लंबे-लंबे पावर कट ने लोगों की परेशानी को और बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं, करनाल समेत कई जिलों में जलभराव की वजह से बड़े पैमाने पर किसानों की फसलें भी खराब हो गई हैं। सरकार को जल्द ही गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजे का ऐलान करना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जलभराव जानलेवा हादसों की भी वजह बन रहा है। स्पष्ट है कि सरकार ने जल निकासी के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। हालांकि, कागजों में जलनिकासी के नाम पर कई परियोजनाएं चल रही हैं और उन पर करोड़ों रुपये खर्च करने की बात भी कही जाती है। लेकिन पूरे प्रदेश से सामने आ रही तस्वीरें बता रही हैं कि जलनिकासी की इन परियोजनाओं के नाम पर सिर्फ घोटाले हुए हैं। कई जगह नई-नई बनी सीवरेज लाइन और सड़कें एक भी बारिश नहीं झेल पाए।

हुड्डा ने कहा कि चिलचिलाती गर्मी से परेशान लोग बेसब्री से मॉनसून की बारिश का इंतजार करते हैं। लेकिन सरकारी बदइंतजामी के चलते लोगों के लिए राहत लेकर आने वाली बारिश परेशानी का सबब बन रही है। सिर्फ मॉनसून ही नहीं, किसी भी मौसम में होने वाली हल्की-सी बारिश के बाद भी लोगों का जीना मुहाल हो जाता है। सरकार को जल निकासी के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए ताकि लोगों को भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।