नवोदय की पूर्व छात्रा कर्नल सुमन सहारण बनी सेना में पहली स्थाई अधिकारी

November 23, 2020

नवोदय की पूर्व छात्रा कर्नल सुमन सहारण बनी सेना में पहली स्थाई अधिकारी

नवोदय विद्यालय पाबङा से पढ भारत की पहली स्थाई महिला सैन्य अधिकारी बन महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा स्रोत

पहली नवोदियन सैन्य अधिकारी बनने से नवोदय विद्यालयों में ख़ुशी की लहर 

हिसार  रवि पथ :

गांव कुंभा निवासी कर्नल भूपेश कुमार सहारण की धर्मपत्नी कर्नल सुमन सहारण ने नवोदय में पढ़कर देश की सेना में पहली नवोदियन स्थाई महिला सैन्य अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया है। उन्होने अपनी मेहनत और लगन से समाज और पूरे राष्ट्र के लिए यह साबित कर दिया है कि बुलंद हौसलों से हर बाधा को पार पाया जा सकता है। ग्रामीण अंचल में पली-बढ़ी कर्नल सुमन सहारण का सेना में पहली स्थाई सैन्य अधिकारी बनना जिला हिसार ही नहीं हरियाणा प्रदेश के लिए गौरव की बात है। नवोदय के छात्रों में इस उपलब्धि के बाद खुशी का ठिकाना नहीं है।

नवोदय विद्यालय पाबङा की पूर्व छात्रा के चयन से नवोदियन में खुशी की लहर

नवोदय विद्यालय पाबड़ा के पूर्व छात्रों के संगठन नवोदय शक्ति के प्रधान लक्ष्मण श्योराण ने बताया कि

सुमन सहारण नवोदय विद्यालय पाबड़ा जिला हिसार की पूर्व छात्रा रही है। बचपन से ही खेल कूद अव्वल रहने के ‌साथ देश की सेवा करने के लिए सेना में जाने का ख्वाब था जो उन्होंने स्थाई महिला कमिशन में सैन्य अधिकारी बनकर लाखों महिलाओं के लिए भी एक मार्ग प्रशस्त किया है। सुमन सारण के पिता भी सेना में अधिकारी रहे हैं। उनकी पदोन्नति से नवोदय विद्यालय के सभी छात्रों में उल्लास का माहौल है। इस अवसर पर कुलजीत सहारण, सुदेश चहल, अजय लोहान, डॉ राजेश रेड्डू, राधेश्याम, धर्मेंद्र, डॉक्टर सरिता,रवि, सहित सभी नवोदय के साथ कुंभा गांव की सरपंच श्रीमती अमित सहारण, उनके परिजनों व ग्रामवासियों ने शुभकामनाएं प्रेषित की।

क्या कहना है गांव की सरपंच का

कुंभा गांव की सरपंच श्रीमती अमित सहारण ने कहा कि कर्नल सुमन के पिता ओमप्रकाश सिंह राजपूताना राइफल में सेवारत थे जो श्रीलंका शांति सेना के दौरान 1989 में शहीद हुए‌। और  कर्नल सुमन के पति भूपेश सहारण भी सेना में कर्नल हैं। कर्नल पति-पत्नी मेरे परिवार से संबंध रखते हैं यह हमारे लिए गौरव की बात है।

क्या कहते है नवोदय के अधिकारी

सहायक आयुक्त नवोदय समिति श्री वीके त्यागी ने नवोदय के छात्रों के लिए एक प्रेरणा बताते हुए शुभकामनाएं प्रेषित की है।

क्या है सेना में स्थाई कमीशन


भारत की सशस्त्र बालों में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन नहीं दिया जाता था दुनिया में ऐसे देश भी है जहां महिलाओं को स्थाई कमीशन दिया जाता है इससे अवसर की समानता उपलब्ध होने में कठिनाई आती थी अब महिलाओं को युद्ध का क्षेत्र छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रों में सफाई कमान देने के लिए अधिकृत किया गया है इससे देश की आधी आबादी के लिए सेवा और समानता के अवसर के लिए रास्ता खुला है। स्थाई कमीशन दिए जाने से महिला सैन्य अधिकारी अब रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में काम कर सकती हैं अगर भी चाहे तो पहले भी स्वेच्छा से नौकरी से इस्तीफा दे सकती हैं आप तक शार्ट सर्विस कमीशन के तहत सेना में नौकरी कर रही महिला अधिकारियों को अब सफाई कमीशन चुनने का विकल्प दिया जाएगा इसके बाद सैन्य अधिकारी पेंशन की हकदार हो जाएंगी।

महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिए जाने वाले विभाग

महिला अधिकारियों को सेना शिक्षा कोर, सिग्नल इंजीनियर आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर आर्मी ऑर्डिनेंस और इंटेलिजेंस कोर्स के साथ न्यायाधीश एडवोकेट जनरल में सफाई कमीशन दिया जाएगा

इससे पहले सेना में कार्यरत महिलाओं को सिर्फ न्यायाधीश एडवोकेट जनरल और सेना शिक्षा पूर्व में ही स्थाई कमीशन दिया जाता था और समय-समय पर बढ़ोतरी की गई। हालांकि अब भी युद्ध क्षेत्र में भी महिलाओं को तैनाती नहीं दी जाएगी।

बदलते रहे शार्ट सर्विस कमीशन के नियम

सेना में शार्ट सर्विस कमीशन के नियम कानून समय-समय पर बदलते रहे पहले इसके तहत भर्ती महिलाएं केवल 10 साल तक ही नौकरी कर पाती थी बाद में सातवें वेतन आयोग में नौकरी की अवधि बढ़ाकर 14 साल कर दी गई

महिला अधिकारियों को सेना में शार्ट सर्विस कमीशन के द्वारा 14 साल नौकरी करने के बाद सबसे बड़ी मुश्किल रोजगार मिलने की होती थी इसको पेंशन भी नहीं मिलती तो उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाता था इसके अलावा भी बहुत सी ऐसी सुविधाएं थी जिनसे महिला अधिकारी वंचित रह जाती थी शार्ट सर्विस कमीशन शुरू करने का मकसद अधिकारियों की कमी से जूझ रही सेना को सक्षम बनाना था इसके तहत सेना में समय अनुसार अधिकारियों की नियुक्ति हो पाएगी।

पुरुषों के साथ महिलाओं को भी अपनी प्रशासनिक व सैन्य कुशलता करने के साथ देश सेवा करने का अवसर प्राप्त हो पाएगा।