अव्यवस्था से परेशान पत्रकारों ने किया सीएम रैली का बहिष्कार,

April 28, 2019

अव्यवस्था से परेशान पत्रकारों ने किया सीएम रैली का बहिष्कार,

पढ़े—लिखे उम्मीदवार की जनसभा में ‘जन आशीर्वाद रैली’ का नाम ही गलत

रवि पथ ब्यूरो फतेहाबाद 

सीएम रैली में एक बार फिर मीडिया को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके चलते पत्रकार सीएम रैली का बहिष्कार कर रैली स्थल से बाहर आ गए। पत्रकारों को सीएम सम्बोधन से पहले ही जाते देख भाजपा नेताओं के हाथ—पैर फूल गए और वे उन्हें मनाने पहुंचे। रैली में चौकान्ने वाली बात यह भी थी कि आयोजकों द्वारा मंच पर लगाए गए बैनर पर ‘जन आशीर्वाद रैली’ का नाम ही गलत लिखा गया था। इससे पता चलता है कि रैली को लेकर प्रबंधक कितने अधिक संजिदा थे।दरअसल, रतिया में रविवार को सीएम की सिरसा लोकसभा उम्मीदवार सुनीता दुग्गल के पक्ष में जन आशीर्वाद रैली का आयोजन हुआ। रैली में मीडिया गैलरी भी बनाई गई। लेकिन इस गैलरी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कब्जा जमा लिया और पत्रकारों को यहां आने ही नहीं दिया गया। जब पत्रकारों ने रैली के आयोजकों से इस बारे में बातचीत की तो उन्होंने भी पत्रकारों का अनदेखा किया। इससे नाराज होकर सभी पत्रकारों ने एकजुट होकर रैली का बहिष्कार कर दिया।
बहिष्कार होते ही पहले से मीडिया गैलरी में मौजूद पत्रकारों ने कैमरे बंद कर दिए और समान समेटकर पत्रकार साथियों के साथ चल दिए। इस पूरे नजारे को सीएम सहित सभी नेता मंच से देखते रहे। आनन—फानन में भाजपा के जिलाध्यक्ष वेद फूलां पत्रकारों के बीच पहुंचे और उन्हें मानने की कोशिश करते रहे। पत्रकारों ने अपने फैसले पर अडिग रहने की बात दोहराई तो सीएम ने भी संक्षिप्त भाषण के साथ रैली को समाप्त कर दिया।
पत्रकारों ने बताया कि रैली स्थल पर भाजपा के कार्यकर्ताओं और प्रशासन के कर्मचारियों ने पत्रकारों को मीडिया गैलरी तक पहुंचने के लिए आई कार्ड कई बार जांचे और समान तक की जांच की। इसके बाद मीडिया गैलरी में पत्रकारों को इंट्री देने के स्थान पर भाजपा कार्यकर्ताओं को बैठा दिया। जब पत्रकारों ने इस पर ऐतराज किया तो भी मीडिया गैलरी को खाली नहीं करवाया गया। इसके पत्रकारों ने एकजुट होकर सीएम रैली का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। बहिष्कार के निर्णय के साथ ही पत्रकारों ने सीएम रैली लगे कैमरे हटा लिए और रैली की कवरिंग बंद कर दी।
बता दें, सीएम रैली के दौरान अकसर पत्रकारों को इस प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। भाजपा के नेता और प्रवक्ताओं का स्थानीय मीडियाकर्मियों के साथ रैली के दौरान कम ही सहयोग देखने को मिलता है।