प्रोस्टेट व पथरी का अत्याधुनिक लेज़र से इलाज अब हिसार में उपलब्ध

June 6, 2021

प्रोस्टेट व पथरी का अत्याधुनिक लेज़र से इलाज अब हिसार में उपलब्ध

हिसार रवि पथ न्यूज़ :

बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों में पैशाब की तकलीफें ज्यादातर प्रोस्टेट की ग्रन्थि बढ़ने के कारण होती है प्रोस्टेट या गदूद उम्र के साथ शरीर में बढ़ने वाली एक ग्रंथि है जो पुरुषो को पैशाब की दिक्कत पैदा करती है. डॉ. सुरेंदर सिंह भाकर जो चूड़ामणि हॉस्पिटल के यूरोलॉजी व् गुर्दा रोग विभाग में कार्यरत हैं तथा उन्होंने प्रोस्टेट व् पथरी की बीमारियों के उपचार में लेसर से ऑपरेशन का अनुभव व् रिसर्च किया है बताते हैं की प्रोस्टेट एवं पथरी की बीमारियों में ऑपरेशन की सभी विधिओ में अभी तक नई अतिआधुनिक थूलियम फाइबर लेसर विधि जो पहले की परंपरागत हॉल्मियम लेज़र विधि से भी कारगर व् सुरक्षित सिद्ध हुई है.
इसी कड़ी में उन्होंने हिसार में या कहें हरयाणा में भी पहली बार थूलियम फाइबर लेसर व मोर्सलेटर से जो भारत के कुछ ही शेहरो में उपलब्ध है अब चूड़ामणि हॉस्पिटल के यूरोलॉजी व गुर्दा रोग विभाग में प्रोस्टेट का उपचार प्रारम्भ किया गया है। यह उपचार पहल क्षेत्र वासिओ के लिया वरदान साबित हो रही है क्यूंकि पहले उन्हें लेज़र के ऑपरेशन के लिए दिल्ली जाना पड़ता था व् कोरोना के वजह से, व् उपचार काफी महंगा होने के वजह से भी संभव नहीं हो पा रहा था. चूड़ामणि हॉस्पिटल के यूरोलॉजी विभाग में यह विधि चैरिटेबल मूल्यों पर उपलब्ध करवाई गई है. डॉ भाकर यह बताते हुए गौरान्वित महसूस कर रहे थे की आयुष्मान भारत स्कीम के तहत मरीजों के ऑपरेशन भी इसी लेज़र विधि से हो रहे हैं. देश में शायद ही किसी दूसरी जगह आयुष्मान भारत के तहत मरीज गदूद के ऑपरेशन इस लेटेस्ट विधि द्वारा बिना किसी खर्च वहन किये उठा रहे हो. जहाँ पहले बड़े प्रोस्टेट में चीरे वाले ऑपरेशन की सलाह दी जाती थी वहां यह लेज़र विधि जो कितनी भी बड़ी प्रोस्टेट के इलाज में सबसे कारगर व् सुरक्षित मानी जाती है । इस पद्धति से उपचार कराने के बाद मरीज पहले दिन ही अस्पताल से घर जा सकता है। विशेष तौर पर हृदयरोग से पीड़ित और हार्ट के स्टेन्ट वाले मरीजों के लिए यह सर्वश्रेष्ठ एवं सुरक्षित उपचार है क्योंकि इस लेटेस्ट लेज़र टेक्नोलॉजी में खून का स्त्राव रोकने का उपाय इतना कारगर है की उन्हें खून पतला करने की दवाई बंद नहीं करनी पड़ती तथा रक्तस्त्राव बहुत कम होता है। डॉ. भाकर के अनुसार टीयूआरपी अर्थात दूरबीन की मदद से किए जाने वाले उपचार के बजाय लेसर पद्धति में थोड़ा ही ज्यादा खर्च होता है, मगर इसका मुख्य फायदा यह भी है कि प्रोस्टेट के अनुपयोगी भाग को थुलेप लेज़र पद्धति से जड़ से दूर किया जा सकता है। तथ्यों के अनुसार पैसाब की दिक्कत दुबारा होने का चांस न के बराबर होता है । इस लेज़र विधि की पावर काफी हाई होने की वजह से यह गुर्दा एवं मूत्रमार्ग की पथरी में भी दूरबीन विधि जिसमे नुमातिक विधि से पथरी को तोड़कर निकला जाता है से भी कारगर और सुरक्षित सिद्ध हुई है क्योंकि इस विधि के उपयोग से बिना किसी छेद या टांके के ही मूत्रमार्ग से स्टोन को निकाला जाता है तथा पथरी के आसपास में गुर्दे को इससे कोई भी क्षति नहीं होती।


प्रोस्टेट वृद्धि का व्यक्ति को कैसे पता चलेगा? इसके जवाब में डॉ.भाकर ने बताया कि प्रोस्टेट वृद्धि के मरीज को पेशाब धीरे-धीरे आता है।मरीज को रात और दिनमें कई बार पेशाब करने जाना पड़ता है। कई बार पेशाब रुक जाता है। बार-बार पेशाब में इन्फेक्शन हो जाता है। संक्षिप्त में कहा जा सकता है कि उम्र के साथ प्रोस्टेट बढ़ रहा है।
डॉ. भाकर ने थूलियम फाइबर लेसर से हिसार में कई सफल ऑपरेशन किए हैं। हिसार निवासी 71 वर्षीय फौजा सिंह एवं शिखरचंद जैन ने बताया कि थूलियम लेसर मशीन से ऑपरेशन कराने से काफी राहत हुई है। इसी तरह रोहतक के सिराज जनमोहम्मद ने भी उपचार के प्रति संतोष जताया। हरयाणा समेत देश के अन्य राज्यों से भी लोग प्रोस्टेट व पथरी का उपचार कराने आते है। अपेक्षा की जाती है कि डॉ भाकर जैसे अनुभवी एवं सीनियर यूरोलॉस्टों की सेवा का लाभ मरीजों को मिलता रहे। विशेष।जानकारी के लिए