निहाल सिंह की प्रतिमा लगाने की घोषणा करें मुख्यमंत्री : रणसिंह मान

July 7, 2022

निहाल सिंह की प्रतिमा लगाने की घोषणा करें मुख्यमंत्री : रणसिंह मान

स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों की नौकरी से संबंधित परिपत्र वापिस लेने की रखी मांग

दादरी, 07 जुलाई रवि पथ –

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के 08 जुलाई को दादरी में होने वाले प्रोग्राम से आमजन को बड़ी उम्मीद हैं कि आयोजकों द्वारा रखी जाने वाली प्रमुख मांगो को माने जाने के साथ प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज, राजकीय महाविद्यालय या सिविल सचिवालय में से किसी एक में इलाके की प्रमुख हस्ती रहे स्वर्गीय निहाल सिंह तक्षक की प्रतिमा लगाने की भी घोषणा करें। यह बात प्रदेश के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने आज यहां मीडिया को जारी बयान में कही। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री निहाल सिंह तक्षक ना केवल इस क्षेत्र में आजादी की मशाल उठाने वाले अग्रणी नेता थे बल्कि वे जींद राज्य प्रतिनिधि सरकार में शिक्षा मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। उन्होंने बताया कि निहाल सिंह तक्षक 1947 में सबसे कम उम्र के भारतीय संविधान सभा के सदस्य भी रहे इससे पूर्व उन्होंने भिवानी व दादरी के ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों सकूल भी खोले।

मान ने कहा कि जब बाढड़ा में प्रजामंडल के प्रमुख नेता रहे महाशय मंशाराम व राजा महताब सिंह की प्रतिमा स्थापित की जा चुकी है तो निहाल सिंह जैसी बड़ी शख्सियत की दादरी में प्रतिमा लगाने की मांग असंगत नहीं है। उनके अनुसार यदि मुख्यमंत्री निहाल सिंह तक्षक की प्रतिमा लगाने की घोषणा नहीं करते हैं या इस विषय पर चुप्पी साधते हैं तो यह माना जाएगा कि भाजपा का आजादी का ” अमृत महोत्सव ” केवल दिखावा है। उन्होंने कहा कि बेहतर यह होगा कि उनकी प्रतिमा के साथ लाइब्रेरी भी हो जिसमें भिवानी- दादरी के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ देश के लिए जान न्योछावर करने वाले सभी सेनानियों की जीवनीयों को संजोया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियां उन्हें शान से याद कर सकें।

उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा जारी 26 अप्रैल 2022 के परिपत्र को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि यह परिपत्र स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को अपमानित करने वाला है। उन्होंने कहा कि परिपत्र के अनुसार आगे से स्वतंत्रता सेनानियों के पोते- पोतियों व नातियों को सरकारी नौकरी के लिए आश्रितों में से केवल एक ही हकदार होगा वह भी जब तब किसी कोटे के लिए कोई पूर्व सैनिक उपलब्ध नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं व सच यह है कि हरियाणा में पूर्व सैनिकों की भरमार है। ऐसे में यह स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों के साथ सरासर धोखा है जो असहनीय है।