ऑनलाइन तबादलों में खट्टर सरकार का महिला विरोधी चेहरा हुआ बेनकाब : बलराज कुंडू

August 24, 2020

ऑनलाइन तबादलों में खट्टर सरकार का महिला विरोधी चेहरा हुआ बेनकाब : बलराज कुंडू

कुंडू ने महिला एवं बाल विकास विभाग में महिला कर्मचारियों के दूर-दराज तबादलों को बताया गलत।

रोहतक, 24अगस्त  रवि पथ :

महिला एवं बाल विकास विभाग में ऑनलाइन तबादलों में मनमानी कर राज्य सरकार ने प्रदेश भर की सैंकड़ों महिला कर्मचारियों को गहरे संकट में डाल दिया है। किसी सुपरवाइजर का ट्रांसफर 200 किलोमीटर तो किसी का 300 किलोमीटर दूर करके सरकार इन महिला कर्मचारियों को जानबूझ कर परेशान कर रही है जो कतई सही नहीं है। सरकार को अपने इस निर्णय पर दौबारा विचार करना चाहिए ताकि महिला कर्मचारियों को राहत नसीब हो सके। महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने आज आईसीडीएस सुपरवाइजर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए यह बात कही। अपनी मांगों का ज्ञापन देने पहुंची आईसीडीएस सुपरवाइजर्स वेलफेयर एसोसिएशन को विधायक कुंडू ने आश्वसन दिया और कहा कि वे उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का पूरा प्रयास करेंगे।

विधायक बलराज कुंडू से से बातचीत करते हुए एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कोरोना संकट की आड़ में करीब 312 सुपरवाइजर्स का तबादला मनमाने ढंग से कर दिया गया है। ऐसे में जबकि प्रदेशभर में आवागमन के लिए हरियाणा रोडवेज की बसें भी ढंग से नहीं चल पा रही तो आखिर अपने घर से साढ़े 3 सौ किलोमीटर दूर कोई महिला आखिर कैसे नौकरी करने जाएगी ? उन्होंने बताया कि ऐसी सम्भावित दिक्कतों का बारे में 2 जुलाई को ही विभाग को बाकायदा पत्र लिखकर बता दिया था लेकिन उसके बावजूद सभी कारणों को नजरअंदाज करते हुए सुपरवाइजर्स का तबादला उनके घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर कर दिया गया।

उन्होंने ऑनलाइन तबादला नीति को महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए पूरी तरह से नाजायज करार दिया। विधायक बलराज कुंडू ने प्रतिनिधिमंडल की सभी जायज मांगों का पूर्ण समर्थन करते हुए महिला सुपरवाइजर्स के सैंकड़ों किलोमीटर दूर किये गए तबादले को पूरी तरह गलत बताया और कहा कि एक तरफ तो खट्टर साहब बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ और नारी उत्थान की लंबी चौड़ी बातें करते हैं और दूसरी तरफ इस प्रकार से महिला सुपरवाइजर्स को उनके घरों से 300 साढ़े तीन सौ किलोमीटर दूर नौकरी करने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग में काफी पड़ रिक्त पड़े हैं और सरकार को उन्हें भरने के लिए तुरन्त कवायद करनी चाहिए ताकि विभाग का कार्य गुणवत्तापरक हो सके।