महम व आसपास के गांवों में खराब हुई कपास की फसल का जायजा लेने पहुंचे विधायक बलराज कुंडू

September 6, 2020

महम व आसपास के गांवों में खराब हुई कपास की फसल का जायजा लेने पहुंचे विधायक बलराज कुंडू

विधायक कुंडू ने कपास उत्पादक किसानों को 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री और कृषिमंत्री को लिखा पत्र 

फसल में बीमारियां लगने से परेशान हैं हरियाणा के कई जिलों के कपास उत्पादक किसान 

महम,6 सितंबर रवि पथ :

कई गांवों में किसानों की कपास की फसल बीमारियों की चपेट में आकर बर्बाद हो चुकी है और जो हालात बनें हैं उन्हें देखते हुए लगता है कि आने वाले दिनों में यह फसल बिलकुल ही खत्म हो जाएगी। किसान भाई हर तरह की दवा का स्प्रे भी कर चुके मगर बीमारी काबू नहीं आ रही। ऐसे में सरकार को चाहिए कि तुरन्त स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को कम से कम 50 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा राशि दी जाए क्योंकि इस बार कपास और स्प्रे आदि पर किसान कई-कई गुना पैसा खर्च कर चुके हैं। यह कहना है महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू का। कुंडू आज महम व साथ लगते बहलबा आदि गांवों के खेतों में खराब हुई कपास की फसल का जायजा लेने पहुंचे थे। इलाके के कई किसान भी उनके साथ मौजूद रहे। फसल का जायजा लेने के बाद उन्होंने किसानों को मुआवजे के सिलसिले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और कृषि मंत्री को बाकायदा पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने बताया है कि कपास की फसल दिनों-दिन खराब होती जा रही है और कई जगहों पर तो 70 से 80 प्रतिशत फसल तक बर्बाद हो गयी है। कितने हैरानी की बात है कि तकरीबन फसल उजड़ने के बावजूद कई जगहों पर सरकारी अधिकारियों ने केवल मात्र 10 प्रतिशत कपास खराब होने की रिपोर्ट दी है जबकि कपास की हालत क्या है यह किसी किसान से पूछकर देखो। कुंडू ने कहा कि खट्टर सरकार किसानों और खेती को लेकर बड़ी-बड़ी बातें तो जरूर करती है लेकिन धरातल पर किसानों के भले के लिये कुछ नहीं कर रही। यहीं कारण है कि किसान आज मरता जा रहा है और सरकार को उसकी कोई फिक्र नहीं है।
कुंडू ने बताया कि तीन दिन पहले वे तोशाम दौरे पर गए थे तो वहां पर भी आलमपुर, ढाणी माहूँ और दिनोद आदि कई गांवों के किसान इसी तरह परेशान मिले क्योंकि वहां पर भी सफेद मक्खी, मकड़ी और मच्छर की वजह से लभगग 70 से 80 फीसदी कपास खत्म हो चुकी है। विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि अगर, सरकार ने जल्दी ही किसानों की सुध नहीं ली तो वे सड़कों पर उतरकर संघर्ष करेंगे।