राज्यपाल के दरबार में पहुंचा झज्जर गुरूकुल में बच्चों के शारीरिक शोषण का मामला

May 23, 2022

राज्यपाल के दरबार में पहुंचा झज्जर गुरूकुल में बच्चों के शारीरिक शोषण का मामला

जनसंगठनों ने की आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

चंडीगढ़, 23 मई  रवि पथ :

झज्जर के प्रसिद्ध गुरूकुल के आचार्य विजयपाल द्वारा कथिततौर पर गुरूकुल में बच्चों से जबरन मजदूरी करवाने तथा उनका शारीरिक यौन शोषण करने के आरोपियों को बचाने के मामले में विभिन्न जनसंगठनों ने सख्त कार्रवाई की मांग की। भडक़े जनसंगठनों ने आज राज्यपाल बंडारू दतात्रेय से मिलकर कानूनी कार्रवाई की मांग की और गुरूकुल में सरकारी प्रशासक नियुक्त करके पूरे मामले की हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज से जांच करवाने की गुहार लगाई।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हरियाणा प्रदेश चमार संघर्ष समिति के अध्यक्ष मांगेराम तुंदवाल व डा. अम्बेदकर मिशनरीज विद्यार्थी एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम सिंह डुमोलिया ने कहा कि झज्जर का गुरूकुल अपने गौरव के लिए पहचाना जाता है। यहां कभी बड़े-बड़े विद्वान पैदा होते थे लेकिन अब यहां मजदूर तैयार किए जाते हैं। चंद लोगों ने गुरूकुल की गरिमा को तार-तार कर दिया है। ऐसे कथित ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि 29 अपै्रल को झज्जर के गुरूकुल में अनुसूचित जाति के एक नाबालिग बच्चा जो कि 9वीं कक्षा में पढ़ता है, को कमरे में बंद करके उसके साथ मारपीट कर उसके दोनों हाथ तोड़ दिए गए तथा उसे जातिसूचक गालियां भी दी गई। यह कुकृत करने वाले शास्त्री के खिलाफ झज्जर पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन अभी तक गुरूकुल के दोषी अध्यापक महाबीर शास्त्री को गिरफ्तार नहीं किया गया है। गुरूकुल के प्रबंधक अपने प्रभाव का अनुचित इस्तेमाल करके मामले को दबाने व दोषियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
महाविद्यालय में एक अनुसूचित जाति के नाबालिग बच्चे को कथिततौर पर दी गई यातनाओं व आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का मामला अब राज्यपाल के दरबार में पहुंच गया है और पूरे मामले से भडक़ी हरियाणा प्रदेश चमार संघर्ष समिति ने आज चंडीगढ़ में प्रदेश के राज्यपाल बैडारू दतात्रेय से मिलकर उन्हें पूरे मामले से अवगत करवा एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में गुरूकुल के प्रबंधन सम्बंधित शास्त्री व आचार्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।
उन्होंने कहा कि गुरूकुल में पहले भी कई अनैतिक घटनाएं हुई हैं और एक उपाचार्य के खिलाफ बच्चों के साथ कुकर्म करने का आरोप लगा था। पुलिस ने धारा-377 के तहत आरोपी उपाचार्य के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया। मामला अब न्यायालय में विचाराधीन है।
उन्होंने कहा कि गुरूकुल महाविद्यालय में बच्चों से जबरन मजदूरी करवाई जाती है। गुरूकुल महाविद्यालय के तहत लगभग100 एकड़ जमीन है जिसमें गौशाला भी है। नाबालिग बच्चों से न केवल इस जमीन में उगने वाली फसलें कटवाई जाती हैं बल्कि पशुओं का गोबर व उनको चारा खिलाने का कार्य भी करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि नाबालिग बच्चों को मानसिक व शारीरिक रुप से प्रताडि़त किया जा रहा है।
समिति ने दोषी अध्यापक को तुरंत गिरफ्तार करने, आचार्य विजयपाल के खिलाफ अनावश्यक दबाव बनाने व नाबालिग बच्चों से मजदूर करवाने का मामला दर्ज करने, मामले की जांच पंजाब एवं हरियाणा के सेवानिवृत्त जज व सीबीआई से करवाने, गुरूकुल के सभी विद्यार्थियों का मैडीकल परीक्षण करवाने की मांग की। उन्होंने गुरूकुल पर सरकारी प्रशासक नियुक्त करने व गुरूकुल महाविद्यालय ट्रस्ट के सभी सदस्यों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि गुरूकुल में जो करोड़ों रुपए सरकारी अनुदान प्राप्त हुआ है उसके हिसाब की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ेंगे।
मांगेराम व विक्रम सिंह डुमोलिया ने कहा कि राज्यपाल ने उनकी बात ध्यान से सुनी है और आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी और जो भी दोषी होगा कार्रवाई होगी।
इस अवसर पर सेवानिवृत्त कस्टम अधिकारी राजेंद्र सिंह सहित आधा दर्जन पदाधिकारी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन-राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए चमार संघर्ष समिति व विक्रम सिंह डुमोलिया ।