अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं ने संभाला मोर्चा गाजीपुर बार्डर पर महिलाएं के हाथ में रही किसान आंदोलन की कमान

March 8, 2021

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं ने संभाला मोर्चा
गाजीपुर बार्डर पर महिलाएं के हाथ में रही किसान आंदोलन की कमान

गाजियाबाद रवि पथ :

यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर सोमवार को किसानों ने महिला दिवस म‌नाया। इस खास मौके पर आंदोलन की कमान पूरी तरह महिलाओं के हाथों में रही। सेवानिवृत्त विंग कमांडर अनुपमा आचार्य से दोपहर करीब 12 बजे मंच से संबोधन की शुरूआत की। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पहले ही इस बात की घोषणा की गई थी कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सभी मोर्चों पर महिला किसान ही मंच संचालन करेंगी। महिलाओं ने बखूबी मंच का संचालन किया। इतना ही नहीं महिलाओं ने अपने हाथों पर मेंहदी लगाकर एकता का परिचय दिया और कृषि कानूनों का विरोध किया। सोमवार को दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस-वे पर संचालित किसान मंच पर संचालन तो महिलाओं के हाथ में रहा ही, स्वयंसेवकों का काम भी महिलाएं ही करती दिखीं और रोजाना 24 घंटे के क्रमिक अनशन पर बैठने वाली भी महिलाएं ही रहीं। अनशन पर बैठी महिलाओं ने भी अपने हाथों पर मेहंदी लगाई हुई थी। बता दें कि यह पहला मौका नहीं था जब मंच संचालन महिलाओं ने संभाला हो। सौ दिन से लंबे हो चले इस आंदोलन में ऐसे कई मौके आए और महिलाओं ने अपनी भागीदारी जमकर निभाई।
सोमवार को मंच से हुए संबोधनों के दौरान सरकार विरोधी नारेबाजी तो हुई ही, नए कृषि कानूनों के खिलाफ भी महिलाओं ने जमकर मोर्चा खोला और बीच-बीच में यह महिलाएं महिला सशक्तिकरण की बात करती भी नजर आईं। महिलाओं द्वारा मंच से महंगाई पर भी वार किया गया।

महिलाओं का कहना है कि घर की रसोई से लेकर बच्चों की पढ़ाई सब पर महंगाई की मार है लेकिन सरकार इन सब बातों से बेपरवाह होकर धन्नासेठों के बारे में सोचने में व्यस्त है। मंच का संचालन कर रहीं रवनीत कौर ने कहा कि विश्व महिला दिवस पर महिलाओं ने किसान आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधो पर ली है। उन्होंने कहा कि गाजीपुर बार्डर पर जल्द ही एक महिला केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र पर महिलाओं को न केवल उनकी जरूरत के सामान मिलेंगे बल्कि फिटनेस के लिए एक जिम भी खोला जाएगा। महिला केंद्र के लिए आंदोलन स्थल पर जगह चिन्हित कर ली गई है। उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन के समर्थन में पिछले तीन माह से अधिक समय से महिलाएं वालंटियर से लेकर लंगर सेवा, आईटी सेल, लीगल सेल और अन्य जगहों पर बखूबी काम कर रही हैं।
यह 18 महिलाएं रहीं अनशन पर
रीना चौहान, अंजु प्रवीन खां, नीलम, बबली, कविता देवी, रितु कौशिक, प्रेमवती, मंजूबेन पाल, कौशल्या कात्यान, जसपाल कौर, विनोद देवी, सुनीता, प्रेमवती, विमला, बिन्नू, सुरेश तेवतिया, सुनीता गुप्ता, लता चौधरी अनशन पर बैठीं।