महिला किसानों पर बेरहमी से लाठीचार्ज, कहाँ हैं मुख्यमंत्री खट्टर और महिला आयोग : गीता भुक्कल

May 17, 2021

महिला किसानों पर बेरहमी से लाठीचार्ज, कहाँ हैं मुख्यमंत्री खट्टर और महिला आयोग : गीता भुक्कल

झज्जर रवि पथ :

हरियाणा की पूर्व शिक्षा मंत्री व झज्जर से वर्तमान विधायक श्रीमती गीता भुक्कल ने कल हिसार में हरियाणा पुलिस द्वारा निहत्थे किसानों पर किए गए लाठीचार्ज पर गहरी नाराजगी जाहिर की है| श्रीमती भुक्कल ने मुख्यमंत्री खट्टर व महिला आयोग हरियाणा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हिसार में खट्टर सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा किसानों पर विशेषकर निहत्थी महिला किसानों पर जिस बेरहमी से लाठियां बरसाई गई, उनके सिर फोड़े गए और उनपर आंसू गैस के गोले दागे गए उसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए कम होगी|

उन्होंने कहा कि पूर्व में जब हरियाणा कांग्रेस की महिला विधायकों ने ट्रैक्टर को संकेतिक रूप से धक्का लगाकर खींचा था तो मुख्यमंत्री जी ने विधानसभा में खूब आँसू टपकाए थे और हरियाणा महिला आयोग ने सबसे आगे बढ़कर नेता प्रतिपक्ष को नोटिस तक जारी कर दिया था; अब जब हिसार में हरियाणा सरकार की पुलिस ने महिला किसानों पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया, उनके सिर फोड़े और उनपर आंसू गैस के गोले दागे तो मुख्यमंत्री जी के आंसू और हरियाणा महिला आयोग कहाँ था?

भुक्कल ने कहा कि किसानों पर तो धारा 144 सहित सारे क़ानून लागू होते हैं लेकिन जब मुख्यमंत्री व सत्ता के नशे में चूर उनके सहयोगी उद्घाटन के नाम पर भीड़ इकठ्ठा कर खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाते हैं तो उनपर कोई कोई क़ानून लागू नहीं होता न ही कोई कार्यवाही होती है, जबकि सरकार का मुखिया होने के नाते कानून की पालना करने पहली नैतिक जिम्मेदारी खुद मुख्यमंत्री की होती है| उन्होंने कहा कि कोरोना आपदा के समय भी मुख्यमंत्री जी को उद्घाटन करके फ़ोटो खिंचवाने की पड़ी है, जबकि लोग इलाज, ऑक्सीजन, दवाइयों के अभाव में मर रहे है अगर मुख्यमंत्री जी को इस विपत्ति के समय भी उद्घाटन समारोह करने का इतना ही शौक है तो ये ऑनलाइन भी किया जा सकता था| मौजूदा समय मे आवश्यकता है कि लोगो को जल्दी से जल्दी अच्छी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए ना की उद्घाटन में समय और संसाधन जाया किया जाए|

भुक्कल ने कहा कि इस महामारी के समय में हरियाणा सरकार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानो से तुरंत बात करनी चाहिए और इन तीनो काले कानूनों के खिलाफ सर्वसम्मति से विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके केन्द्र सरकार को भेजना चाहिए|