पराली नहीं जलाने के जीरो बर्निंग लक्ष्य को प्राप्त सभी के सांझे प्रयासों से किया जा सकता

January 10, 2024

पराली नहीं जलाने के जीरो बर्निंग लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता सभी के सांझे प्रयासों से

पराली प्रबंधन किसानों की आमदनी के जरीये के साथ-साथ है वातावरण के लिए लाभकारी

जिला कैथल ने पराली नहीं जलाने की घटनाओं में 60 प्रतिशत कमी लाकर प्रदेश में पाया प्रथम स्थान:-चेयरमैन पी.राघवेंद्र राव

कैथल रवि पथ :

हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन सेवानिवृत आईएएस अधिकारी पी.राघवेंद्र राव ने कहा कि पराली नहीं जलाने के जीरो बर्निंग लक्ष्य को सभी के सांझे प्रयासों से प्राप्त किया जा सकता है। पराली प्रबंधन जहां किसानों की आमदनी का बेहतर जरिया है, वहीं वातावरण व स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इस वर्ष जिला कैथल ने पराली नहीं जलाने की घटनाओं में 60 प्रतिशत की कमी लाकर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जिसके लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ क्षेत्र के किसान बधाई के पात्र हैं।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन सेवानिवृत आईएएस अधिकारी पी.राघवेंद्र राव लघु सचिवालय के सभागार में जिला प्रशासन व डिलोईट के संयुञ्चत तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में पराली में सहयोग व अच्छा कार्य करने वाली विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों को सक्वमानित करने के दौरान बोल रहे थे। इस मौके पर डीसी प्रशांत पंवार, डिलोईट कंपनी से अभय वर्मा, नम्रता गुलाटी, कन्नू मिली सनिला, गरिमा रावत व अन्य अधिकारी तथा विभिन्न पंचायत प्रतिनिधित मौजूद रहे। चेयरमैन पी. राघवेंद्र राव ने कहा कि पराली प्रबंधन की दिशा में जिला ने अच्छा कार्य किया है। इतना ही नहीं प्रदेश स्तर पर भी जो पराली प्रबंधन किया गया, उसकी सराहना सर्वोच्च न्यायालय के साथ-साथ केंद्र सरकार ने भी की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 से लगातार प्रदेश में पराली प्रबंधन की दिशा में अच्छा कार्य किया जा रहा है।
चेयरमैन पी.राघवेंद्र राव ने कहा कि सरकार की ओर से जो ग्राम पंचायतें रेड से यैलो और ग्रीन जोन में आती है, उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। जो ग्राम पंचायतें ग्रीन जोन को मेनटेन रख रही है, उन्हें भी प्रोत्साहित करने की योजना पर कार्य चल रहा है। जिला में जो अच्छा कार्य किया है, उसे यूं ही बनाकर रखें और भविष्य में एक शपथ भी लें कि इसे और बेहतर बनाने की दिशा में निरंतर कार्य किया जाएगा। पर्यावरण प्रदूषण को रोकना हम सबकी सांझी जिक्वमेदारी है। पराली जलाने से जहां जमीन की उर्वरा शञ्चित खत्म होती है, वहीं हमारे स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हम अगर इसी प्रकार इस दिशा में कार्य करते रहेंगे तो निश्चित तौर पर भविष्य में आने वाली पीढ़ी कह सकेगी कि कभी प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं हुआ करती थी। डिलोईट द्वारा जिला में विभिन्न सोपानों के माध्यम से किसानों को जागरूक करने का कार्य किया गया है।
डीसी प्रशांत पंवार ने कहा कि जिला में पराली प्रबंधन व किसानों को जागरूक करने के लिए नित विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। पूरे जिला को 8 ञ्चलस्टरों में विभाजित करके उच्चाधिकारियों के साथ-साथ टीमें गठित की गई थी, जो निरंतर क्षेत्र में जाकर पराली प्रबंधन की दिशा में कार्य कर रही थी और किसानों को जागरूक भी कर रही थी। इसके साथ-साथ डिलोईट कंपनी ने भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करके किसानों को जागरूक किया। उन्होंने सभी सहयोगी पंचायतों का आभार भी प्रकट किया और भविष्य में इसी प्रकार पराली प्रबंधन की दिशा में सहयोग करने की बात कही। जिला में एञ्चससीटू के माध्यम से 5 लाख 22 हजार 500 मीट्रिक टन तथा इन सीटू के माध्यम से 4 लाख 23 हजार मीट्रिक टन पराली मैनेजमेंट की गई। मेरी फसल-मेरा ब्यौरा 26 हजार 283 किसानों ने पंजीकरण करवाया, जिससे 2 लाख 51 हजार 860 एकड़ एरिया कवर हुआ। इन किसानों को 25 करोड़ 18 लाख रुपये की राशि भी दी गई।

Tags: , , , , ,