आखिर कब से लागू होंगे सरकार द्वारा निर्धारित मेडिकल लैब के टेस्ट चार्ज

May 26, 2021

आखिर कब से लागू होंगे सरकार द्वारा निर्धारित
मेडिकल लैब के टेस्ट चार्ज

सरकार ने तीन दिन पहले जारी किए आदेश, सीएमओ के पास अभी तक कोई मेल नहीं

नारनौल, रवि पथ  :

कोरोना काल में मरीजों से लैबों में जांच के नाम पर विभिन्न मेडिकल जांचों के लिए भारी भरकम शुल्क वसूल किए जाने की शिकायत के बाद सरकार ने गरीबों को राहत देने के लिए लैब संचालकों की मनमानी पर अंकुश लगा दिया है। सरकार ने अब विभिन्न टैस्टों के लिए अधिकतम रेट निर्धारित कर दिए हैं। इसके लिए बाकायदा हरियाणा सरकार के हैल्थ विभाग के एडिशनल चीफ सेके्रट्री राजीव अरोडा द्वारा 24 मई को एक आदेश पत्र विभिन्न जांचों के रेट तय करके हरियाणा के तमाम जिला उपायुक्तों व सिविल सर्जनों के अलावा सरकार के आला अधिकारियों को प्रेषित किया जा चुका है। इसके बावजूद भी महेंद्रगढ और नारनौल की विभिन्न मेडिकल जांच लैबों पर अनेक मरीजों के परिजनों का कहना था कि उन्होंने आज के अखबारों में जांच के निर्धारित रेट पढ़े थे लेकिन लैब संचालक आज भी पुराने रेट ही वसूल कर रहे हैं। *इस मामले में जब नारनौल के सिविल सर्जन अशोक कुमार से बात की कई तो बहुत ही हैरानी हुई। उनका कहना है कि इस संबंध में उनके पास ही अभी तक कोई मेल ही नहीं आई है। इस बाबत मेल आने के बाद ही प्रशासन से मीटिंग करके रेट तय किए जाएंगे।


अब हैरानी देखिये 24 मई को हैल्थ विभाग के एडिशनल चीफ सेके्रट्री द्वारा जारी पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो चुका है। सभी प्रमुख समाचार पत्रों में चंडीगढ से इस बारे खबर प्रकाशित हो चुकी है और जिला स्तर पर संबंधित विभाग के मुखिया सिविल सर्जन द्वारा यह कहना है कि उनके पास अभी तक कोई मेल ही नहीं आई है। इससे बडी हैरानी की बात और क्या होगी। यदि सिविल सर्जन की बात को सही माने तो इस मामले में कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार ने जिन जांच के लिए रेट तय किए हैं वो कोरोना के लक्षण वाले मरीजों के लिए ही है और फिर तीन दिन के बाद भी ये लागू नहीं हो रहे हैं तो फिर इनका लाभ गरीबों को कब मिलेगा। वैसे भी कोरोना की चैन टूटती जा रही है और केसों की संख्या तेजी से घट रही है।
लोगों द्वारा मई माह के प्रथम सप्ताह से ही इन टैस्टों के एवज में लिये जा रहे भारी भरकम रेटों के बारे में शिकायत की जा रही थी। जिस पर सरकार ने एक्शन भी लिया तो उस समय जब कोरोना के केसों की संख्या कम हो गई है और दूसरी सबसे बडी बात रेट तय करने के तीन दिन बाद भी जिला स्तर पर अभी तक इनको लागू नहीं करवाया जा रहा है। ऐसे लोगों में तरह-तरह की चर्चा है।