फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन 20 जनवरी तक

January 17, 2022

फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन 20 जनवरी तक

हिसार, 17 जनवरी  रवि पथ :

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर के कृषि यंत्रों/मशीनों का भौतिक सत्यापन 18 से 20 जनवरी तक किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए कृषि विभाग के उपनिदेशक विनोद कुमार फोगाट ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम वर्ष (2021-22) के तहत कस्टम हायरिंग सेन्टर द्वारा शेड निर्माण/मशीनों पर सोसायटी का नाम, पता तथा सोसायटी सदस्य का उपस्थित न होने के कारण भौतिक सत्यापन नहीं किया गया था। अब इसके लिए अंतिम अवसर दिया जा रहा है। इसके पश्चात कोई दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऐसे किसान जो किसी पारिवारिक समस्या/दस्तावेज पूर्ण न होने के कारण से व्यक्तिगत कृषि यंत्रों/मशीनों का भौतिक सत्यापन नहीं करवा पाए, उन्हे दोबारा अवसर दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि भौतिक सत्यापन कमेटी द्वारा व्यक्तिगत कृषि यंत्रों/मशीनों का भौतिक सत्यापन ब्लॉक हिसार-1, हिसार-2, बरवाला, हांसी-2, अग्रोहा और आदमपुर का 20 जनवरी को अनाज मंडी हिसार में किया जायेगा। किसान आवश्यक दस्तावेज ट्रैक्टर की वैध आरसी की फोटोकॉपी, पटवारी रिपोर्ट, फैमली आईडी, आधार कार्ड, पैन कार्ड की फोटोकॉपी, मशीन का बिल, ई-वे बिल, स्वयं घोषणा पत्र, मशीन के साथ (जीपीएस) लोकेशन फोटो, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा की फोटोकॉपी, बैंक खाता की दोहरी प्रति के साथ अपने कृषि यंत्र/मशीन का भौतिक सत्यापन करवाना सुनिश्चित करें। मशीन पर किसान का नाम, गांव, वर्ष तथा सीआरएम स्कीम पेंट से बड़े-2 एवं स्पष्ट अक्षरों में लिखा होना चाहिए।
इसके अलावा कस्टम हायरिंग सेंटरों का भौतिक सत्यापन ब्लॉक हिसार-1, बरवाला, उकलाना का 18 जनवरी को, ब्लॉक हांसी-1, नारनौंद का दिनांक 19 जनवरी को कृषि यंत्रों का भौतिक सत्यापन साइट पर जाकर किया जाएगा। मशीन पर कस्टम हायरिंग सेंटर का नाम, गांव, वर्ष तथा सीआरएम स्कीम पेंट से बड़े-2 एवं स्पष्ट अक्षरों में लिखा होना चाहिए। कस्टम हायरिंग सेंटर के नाम व पते का डिस्प्ले बोर्ड, किराया सूची का डिस्प्ले बोर्ड एवं शैड भी बना होना चाहिए। भौतिक सत्यापन के समय कोविड-19 के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखना, मास्क लगाना आदि हिदायतों का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके बाद किसी भी मशीन का भौतिक सत्यापन नहीं होगा तथा किसान का अनुदान केस रद्द कर दिया जाएगा।