गहली के छोरे आशीष बडेसरा ने खेली कप्तानी पारी, बेंगलूरु में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में यूनिवर्सिटी ऑफ कोटा को दिलाया गोल्ड, गांव में खुशी

May 3, 2022

गहली के छोरे आशीष बडेसरा ने खेली कप्तानी पारी, बेंगलूरु में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में यूनिवर्सिटी ऑफ कोटा को दिलाया गोल्ड, गांव में खुशी

नारनौल रवि पथ :

बेंगलूरु में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में पुरुष कबड्डी फाइनल मुकाबला यूनिवर्सिटी ऑफ कोटा व चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी भिवानी के बीच हुआ। इसमें कड़े मुकाबले में यूनिवर्सिटी ऑफ कोटा ने जीत हासिल की। इस यूनिवर्सिटी ऑफ कोटा टीम का कप्तान महेंद्रगढ़ जिला के गांव गहली वासी आशीष बडेसरा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसकी इस उपलब्धि से गांव गहली ही नहीं महेंद्रगढ़ जिला के लोगों में खुशी का माहौल है।
समाजसेवी एवं जननायक जनता पार्टी के जिला प्रवक्ता सिकंदर गहली ने बताया कि बेंगलूरु में 24 अप्रैल को खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स आरंभ हुए। इसका उद्घाटन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने किया था। उस दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोमई, राज्यपाल थावरचंद गहलोत व केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर मौजूद रहे। इन खेलों में देशभर के 189 विश्वविद्यालयों के करीब 3900 खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया। इस गेम्स में पुरूष कबड्डी का फाइनल मुकाबला यूनिवर्सिटी ऑफ कोटा व चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी भिवानी के बीच हुआ। इसमें यूनिवर्सिटी ऑफ कोटा ने चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी भिवानी को 52-36 के मुकाबले हराया। इस विजेता टीम को प्रतियोगिता के समापन पर मुख्य अतिथि के तौर पर आए खेल एवं युवा मंत्री अनुराग ठाकुर ने सम्मानित किया। यूनिवर्सिटी ऑफ कोटा टीम का कप्तान आशीष बडेसरा है। यह महेंद्रगढ़ जिला के गांव गहली का रहने वाला है। अपनी टीम को गोल्ड मेडल हासिल करवाने पर गांव में खुशी का माहौल है। मंगलवार को जब ग्रामीणों को इस उपलब्धि की जानकारी मिली तो उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गांव गहली वासी जाट महासभा के जिला प्रधान विजयपाल एडवोकेट, एचपीएससी के पूर्व मैंबर सतबीर बडेसरा, कश्मीर एडवोकेट, विरेंद्र नंबरदार, तानसिंह, उत्तमसिंह बडेसरा, अजीत बडेसरा, सतबीर नेताजी, छोटेलाल गहली, ओमसिंह, रामफल फौजी, पूर्व सरपंच नरेश, शमशेरसिंह, महीपाल जटराणा, स्वरूप सिंह, मालाराम थानेदार, सुरेंद्रसिंह, रवि चौधरी, जसबीर सिंह, भरतसिंह, उमेद सिंह, रामसिंह, सुखबीर मास्टर, भूपसिंह बडेसरा, जिलेसिंह, विनोद गहली, कंवरसिंह, धर्मवीर सिंह, भोलाराम, धर्मवीर, कर्णसिंह, रोहतास सिंह, राहुल, अनिल पहलवान एवं संदीप आदि ने खिलाड़ी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
गौर हो कि खिलाड़ी आशीष साधारण परिवार से संबंध रखते हैं तथा इनके पिता प्रदीप सिंह का करीब एक साल पहले आकस्मिक निधन हो गया था। वह गांव के स्कूल में सरकारी कर्मचारी थे। इन्हें अपने चाचा दिलावर सिंह के मार्ग-दर्शन में खेलों का अभ्यास जारी रखा। गहली गांव का कबड्डी खेल से जुड़ाव सदियों से रहा है तथा यहां के पहलवानों की परंपरा को आशीष ने आगे बढ़ाया है। आशीष ने गोल्ड मैडल जीतकर न केवल गांव गहली, अपितु जिले का नाम देश-प्रदेश में नाम रोशन किया है।